Friday, 20 January 2012

कुछ  भी  भीख  में  नहीं  चाहता  ,
इसलिए  चाहता  हूँ  , लौटाऊँ  कुछ  ,खुदा  को  भी  वापस  !
पर  उसकी  दी  नेमतें  गिने  कौन  ,
इसलिए  हर  सांस  में  , सिज़दा  किये  जाता  हूँ !!

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पी  की  यादों  में  बड़बड़ाते  ,
कुछ  बक  भी  आया  हूँ ,
तो  मुझको  माफ़  करना ,
पीने  की  आदत  के  चलते  ,
पी को  कुछ कह भी  आया  हूँ ,
तो  मुझको  माफ़  करना ,
पर  पी  और  पीने  की  आदत  , 
ड्रिंक और  ड्राईव  , की  तरह ,
कब  मिक्स  हो जाए न  मालूम ,
इसलिए  जब  पी  हो  तो  कभी ,
जी  चाहे  तो  भी ,पी  को ,
मत  तुम  पास  रखना !!




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