जिंदगी के हसीं पल , जिंदगी ही में हैं ,
क्यों ढूँढता है मौत को , ख़ुशी के लिए !!
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खेलें जो हार के लिए , जीत पक्की है ,
हार के डर से खेलें जो कभी जीतते नहीं !!
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ईश्वर दौड़ाता मुझे , टांगों में आये जान ,
हो जाता हूँ थक के चूर तो , गोदी में उठाता वो !!
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रौशनी इतनी तेरी , आँखें चौंधिया गयीं मेरी ,
अब देखूं तो दिखता नहीं , रौशन जहां तेरा !!
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खुदा मुझको काबिल बना सिज़दे के लिए ,
मेहरबानियाँ इतनी तेरी , गर्दन उठे नहीं मेरी !!
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चमचागिरी का मज़ा चमचों ही से पूछ ,
घूम आते हैं मुंह में , और चाटे जातें हैं जुबां से वे !!
और मुझे याद आ जाते हैं बोल कुछ विलक्षण से ,
कुत्ता काटे , तो बुरा , चाटे , तो बुरा !!
क्यों ढूँढता है मौत को , ख़ुशी के लिए !!
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खेलें जो हार के लिए , जीत पक्की है ,
हार के डर से खेलें जो कभी जीतते नहीं !!
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ईश्वर दौड़ाता मुझे , टांगों में आये जान ,
हो जाता हूँ थक के चूर तो , गोदी में उठाता वो !!
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रौशनी इतनी तेरी , आँखें चौंधिया गयीं मेरी ,
अब देखूं तो दिखता नहीं , रौशन जहां तेरा !!
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खुदा मुझको काबिल बना सिज़दे के लिए ,
मेहरबानियाँ इतनी तेरी , गर्दन उठे नहीं मेरी !!
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चमचागिरी का मज़ा चमचों ही से पूछ ,
घूम आते हैं मुंह में , और चाटे जातें हैं जुबां से वे !!
और मुझे याद आ जाते हैं बोल कुछ विलक्षण से ,
कुत्ता काटे , तो बुरा , चाटे , तो बुरा !!
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