Friday, 6 January 2012

मैं  क्यों  काम करूँ किसी  इनाम  के  लालच  में  ,
सिर्फ  काम  करूंगा  मैं  ,
इनाम  को  मिलना  होगा  , मिल  जाएगा  रस्ते  में  !!

बातें  , बातें  , सिर्फ  बातें  ,
शेष  रह  जायेंगी  तेरी  ,
काम  को  तेरे  पूछे  है  कौन  ?

बातें  , बातें  , सिर्फ  बातें  हैं  बनानी  मुझको  ,
काम  तो  मेरे  यार  , कर  ही  लेंगे  !!

यूं  तो  बदन  में  मेरे  शोले  भी  हैं  अंगार  भी  हैं  ,
पर  धरती  की  तरह  मैंने  ,
बहुत  गहरे  , बहुत  गहरे  , गर्भ  में  दबाये  हैं  !!

संभावनाएं  तलाशोगे  तो  बहुत  दूर  निकल  जाओगे  ,
कर  पाओगे  कब्जे  में  आसमानों  को  भी  ज़मीनों  के  साथ  ,
और  यूँ  ही  निश्चल रहोगे  स्थित  , असमंजस में ,
तो  क़दमों  के  नीचे , केवल  पाँव  भर  ज़मीं  है  !!

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