Saturday, 21 January 2012

ललना को लिवा लाओ अंगना में ,

गोदी में उठा लूं , री माई री !

बधाई तो देदूं छलना को ,

आकाश उछालूँ सुन , री माई री !

आज बलायें उसकी ले लूंगी ,

... तुमको हो बधाई , री माई री !

नज़रें तो उतारूं वार वार ,

झूला तो झुला लूं , री माई री !

आज मैं मालिश कर लूंगी ,

कपड़ा तो कोई वार , री माई री !

आज दर्शन , स्पर्शन को आई हूँ ,

नहला तो लूं , आज , री माई री !

आवाज़ भी सुनते कान हैं क्या ?

ढोल तो बजा लूं , री माई री !

दिखता भी है कुच्छ आँखों से ?

सूरज तो दिखा उसे , री माई री !

नज़र उसे कोई लग न जाए ,

कोई मंतर तो मार , री माई री !

भरपूर बसे तेरा आँगन घर ,

किन्नर को दे तू बधाई , री माई री !!

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