ललना को लिवा लाओ अंगना में ,
गोदी में उठा लूं , री माई री !
बधाई तो देदूं छलना को ,
आकाश उछालूँ सुन , री माई री !
आज बलायें उसकी ले लूंगी ,
... तुमको हो बधाई , री माई री !
नज़रें तो उतारूं वार वार ,
झूला तो झुला लूं , री माई री !
आज मैं मालिश कर लूंगी ,
कपड़ा तो कोई वार , री माई री !
आज दर्शन , स्पर्शन को आई हूँ ,
नहला तो लूं , आज , री माई री !
आवाज़ भी सुनते कान हैं क्या ?
ढोल तो बजा लूं , री माई री !
दिखता भी है कुच्छ आँखों से ?
सूरज तो दिखा उसे , री माई री !
नज़र उसे कोई लग न जाए ,
कोई मंतर तो मार , री माई री !
भरपूर बसे तेरा आँगन घर ,
किन्नर को दे तू बधाई , री माई री !!
गोदी में उठा लूं , री माई री !
बधाई तो देदूं छलना को ,
आकाश उछालूँ सुन , री माई री !
आज बलायें उसकी ले लूंगी ,
... तुमको हो बधाई , री माई री !
नज़रें तो उतारूं वार वार ,
झूला तो झुला लूं , री माई री !
आज मैं मालिश कर लूंगी ,
कपड़ा तो कोई वार , री माई री !
आज दर्शन , स्पर्शन को आई हूँ ,
नहला तो लूं , आज , री माई री !
आवाज़ भी सुनते कान हैं क्या ?
ढोल तो बजा लूं , री माई री !
दिखता भी है कुच्छ आँखों से ?
सूरज तो दिखा उसे , री माई री !
नज़र उसे कोई लग न जाए ,
कोई मंतर तो मार , री माई री !
भरपूर बसे तेरा आँगन घर ,
किन्नर को दे तू बधाई , री माई री !!
No comments:
Post a Comment