Wednesday, 11 January 2012

निम्न  से  निम्न  व्यंग्य  भी  कर  सकते  हैं  वो  ,
और  उनके  नाम  में  मात्रा  भी  गलत  हो  जाए  ,
तो  भड़क  उठते  हैं  वो ,  क्योंकि  ?
व्यंग्य में  सर्वाधिकार प्राप्त हैं  वो !!



तेरी  तो  तू  ही  जाने  ,पर  मेरा  दिल  माने  न  ,
उडती  खबर  चिड़िया  ने  दी  ,
ज़माना  है  , हसीनों  के  नमाज़  में  !!



खाक    से   उठा   और   खाक   में   मिला   , 
इश्क   हुआ   ख़ाक   से   तो   जल   गया   मैं  !



आजमायिशें करोगे तो ,  डूबेंगे  रिश्ते  नाते  सब ,
तुम  मुंह  से  बोल  देना  ,  इम्तिहाँ  का  तो  शौक है  मुझे !!



समंदर को एक बूँद बना पी लूँगा मैं ,
ज़ुबान से मिले छाले में जलन इतनी ज़बर मेरे !
सुकून तब भी मिले मुझे , इसकी खबर नहीं ,
और दिल को जलाने वाले को मेरी खबर नहीं !!

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