Wednesday, 30 November 2011


मेरी   सांसों   का   बंधन    बन   जाओ   तुम  ,  मौत   दोनों   के   मरने   तक   रुक   जायेगी   ,
फिर   कल   जो   मरें   चाहे   मर   जाएँ   अब  , तसल्ली   तो   होगी   साथ   रहेंगे   और   हैं  !
तेरी   चाहत   सदा   से   है   दिल   में   मेरे   , मेरी   साँसों   में   माला   है   तेरे   नाम   की  ,
ज़न्नत    मेरी   है  सिर्फ  तेरी   बाहों   में  , और   बाहों   का  घेरा  बस   समाता   मुझे   !
चाँद   सूरज   और   तारों   को   छू   न   सका   पर ,  हम   तुम   तो   अपनी   किरणों  से   बंधे  ,
तेरा   बसना   मेरे   संग ,  ग्रसना   सही   ,  पर   राहू  केतू  सा   राहों   में   डराता  नहीं   !!
मेरी   सांसों   का   बंधन    बन   जाओ   तुम  ,  मौत   दोनों   के   मरने   तक   रुक   जायेगी   ,
फिर कल   जो   मरें   चाहे    मर   जाएँ   अब  , तसल्ली   तो   होगी     साथ   रहेंगे   और   हैं  !!

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