मुझे थोडा सूनापन मिला ,और खुद से जान पहचान हुयी !!
हाँ तो मैंने किया पसंद तुम्हें , तेरी यादों से मुलाक़ात हुई !
सारे शिकवे औ गिले , धुल गए ख्वाब में मेरे ,
तेरी शबनम से भरी आँखों से जब मुलाक़ात हुई !
मैं तो गया हर तरफ , इस अंदाज़ में के होगी मुलाक़ात ,
बंद की आँख तो तुझे दिल में बैठा पाया !
हाँ तो मैंने किया पसंद तुम्हें , तेरी यादों से मुलाक़ात हुयी !!
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