आज मैं चंचल मकड़े के , शिकारी मन में फँस गया अचानक ,
बन बैठा मकड़ा , दुबक रहा , केंद्र में घात लगाए ,
सब तारों का स्पंदन , स्पर्शाये , ध्यान जमाये , हर हलचल पर ,
रूं रूं , रीं रीं , भिन भिन , हूँ , हूँ , जितने हैं , सब प्रिय स्वर , सुनता हूँ ,
जाला बुनना कहाँ है काम आसान ? रेशा रेशा , छोड़ छोड़ ,
नए नए , इंजीनियरिंग डिजाईन , बना बना ,बड़ा हुआ , शिकार फंसा फंसा ,
ठहरो , कुछ हिला ? हाँ , अब आया मज़ा , फंसा , पतंगा बड़ा ,
अभी पास नहीं जाऊंगा , थकने दो थोड़ा , हाँ अब ठीक है ,
आ बच्चू , बड़ा फड़फड़ा रहा है , ठहर तेरी टांगें जकडूँ पहले ,
आ अब तेरा सिग्नल बाँधूं , पंक्खों को डालूँ फंदा , ठहर ठहर ,
तेरी गर्दन पर पाँव मेरा अभी आता है , ठहर ज़रा ,
इंजेक्शन ज़हर भरा ,तेरी नस में अब जाता है , हा ! अब थोड़ा चैन हुआ ,
हलचल थमी थोड़ी सी , आ पुच्कारूं तुझे , तेरी मौत आसान बना दूं ,
हाँ अब शांत हुआ , ठहरो बाँधूं अब गट्ठड़ , डालूँ कंधे पे ,
चलूँ अब आराम से खाऊंगा , रात को , हो ! हो ! हो ! फिर कोई हलचल हुई ,
रुको आता हूँ .......... और मुझे मकड़ी के मकड़ जाल से भागने का मौका मिल गया !!
बन बैठा मकड़ा , दुबक रहा , केंद्र में घात लगाए ,
सब तारों का स्पंदन , स्पर्शाये , ध्यान जमाये , हर हलचल पर ,
रूं रूं , रीं रीं , भिन भिन , हूँ , हूँ , जितने हैं , सब प्रिय स्वर , सुनता हूँ ,
जाला बुनना कहाँ है काम आसान ? रेशा रेशा , छोड़ छोड़ ,
नए नए , इंजीनियरिंग डिजाईन , बना बना ,बड़ा हुआ , शिकार फंसा फंसा ,
ठहरो , कुछ हिला ? हाँ , अब आया मज़ा , फंसा , पतंगा बड़ा ,
अभी पास नहीं जाऊंगा , थकने दो थोड़ा , हाँ अब ठीक है ,
आ बच्चू , बड़ा फड़फड़ा रहा है , ठहर तेरी टांगें जकडूँ पहले ,
आ अब तेरा सिग्नल बाँधूं , पंक्खों को डालूँ फंदा , ठहर ठहर ,
तेरी गर्दन पर पाँव मेरा अभी आता है , ठहर ज़रा ,
इंजेक्शन ज़हर भरा ,तेरी नस में अब जाता है , हा ! अब थोड़ा चैन हुआ ,
हलचल थमी थोड़ी सी , आ पुच्कारूं तुझे , तेरी मौत आसान बना दूं ,
हाँ अब शांत हुआ , ठहरो बाँधूं अब गट्ठड़ , डालूँ कंधे पे ,
चलूँ अब आराम से खाऊंगा , रात को , हो ! हो ! हो ! फिर कोई हलचल हुई ,
रुको आता हूँ .......... और मुझे मकड़ी के मकड़ जाल से भागने का मौका मिल गया !!
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