Tuesday, 8 November 2011


ये  जीवन  मदिरा  ,धीरे  धीरे  से  , हलके  हलके  से  , चुस्की  ले  ले  के  पी  !
जीवन  के  तू  , कड़वे घूंट  भी  , मजे  मजे  से  , बिना  तनाव  के  पी  !
हो  जाए  न  छलनी  , दिल  दिमाग  और  , ये  कलेजा , इसे  एक  घूंट  में  न  पी  !!

आओ  समझौता  करलें  हम  तुम  ,
कुछ  सीमाएं  तुमने  लांघी  , कुछ  सीमाएं  मैंने  लांघी  ,
आओ  झगड़ा निपटाएं  हम  तुम  !!
मेरा  भी  कुछ  सपना  था  , तेरा  भी  कुछ  सपना  होगा  ?
बीच  में  कहीं  टकराए  , हम  तुम  !
आओ  कुछ  समझौता  करलें  , कुछ  तो  नियमों  में  हम  बंधलें  ,
राम  कही  को  कुछ  तो  समझें  , क्यों  अकड़े  हैं  अब  बस  हम  तुम  ,
आओ  झगड़ा  निपटाएं  हम  तुम  ,और  इक  समझौता  करलें  हम  तुम  !!

मैं  शाह  का  रुपया  हूँ  , बाकी  रुपयिओं  से  भारी ,
कबड्डी  में  लाता हूँ  दूसरे  पाले  से  उठा  रुपईए  चार  ,
हर  बार ! न  हो  विश्वास  तो  आया  मैं  ,
कबड्डी  ,कबड्डी  ,कबड्डी  ........................

हमें  न  सताओ  पिया  होरी  के  बहाने  , सब  अखियाँ  हमें  निहार  रहीं  !हमें ....
तुम  करते  हो  हंसी  और  ठिठोली  ,श्याम  पिया  ,तुम  करो  बरजोरी  , मेरी  चुनरिया  छूटी जाए  रे ! हमें .....
रंग  तो  छोड़ो  न  , पानी  वाले  कृष्ण  ,तन  के  कपडे  भीगे  सब  जाएँ  ,मेरी  सास  ननदिया  धाये  रे ! हमें .......

यूं  जहां  में  क्यों  मरिये , तरस  तरस  ज़मानें  को  ? तेरे  हाथों  में  खज़ाना  है  , सोच  लीजे  और  जी  जाइए  !!

जहां  से  पूछिए  मेरा  हाल  , जिधर  घूमा  रास्ता  घूमा  उधर  !!

संगदिल  हैं  वो  तो  क्या  , हमने  भी  , संग  से  बुत  तराशे  हैं  !!

हम  हैं  तन्हाई  के  आलम  में  , और   वो  हैं  के  अपनी  सुनाये  जाते  हैं  !!

मेरा  भी  उन  तक  सलाम  क्यों  पंहुंचे ? हम  भी  हैं  ख़ार  खाए  हुए  !!

मेरा  है  खाना  ख़राब  उनकी  वजह  , और  वो  मुर्ग  मुसल्लम  खाएं  ?

जुलूस  निकला  है  वज़ीरे  आला  का  , शामिल  चार  जन  जो  हैं  , उधारी  के  हैं  !!

तू  चला  चल  जिधर  भी  चला  चल  , तेरा  नसीब  हूँ  पीछे  आऊँगा  !!

मेरा मौला है आला मालिक , जब भी बख्शे , खुल के , बख्शे खजाने है !!

देख  मुखड़ा , ज़रा आइने  में  देख  , जितना  मेकप  है  ,सब  उधारी  का  है  !!

मौज  मस्ती  का  ज़माना  बदला  , खेल  मैदानों  के  अब  आइनों  में  हैं  !!

राम  जाने  बदलेगा  क्या  क्या  नक्शा  , मैं  तो  हर  पल साइंसदानों   की  खबर  रखता  हूँ  !!


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