जाम भर भर के देता है साक़ी बना , आज नीयत में उसकी कोई खोट है ,
या तो दुश्मन का साया है उसके साथ , या तो बहला के जानेगा राज़ मेरे !
पर मैं ही कहाँ हूँ अपना यार , कफ़न बाँध दुनियाँ का नज़ारा करूँ,
मेरी रंगीनियाँ मेरी दुश्मन नहीं , पर खामोशियों से हैं डरते कई !
बंद मुट्ठी न खुल जाए मेरी कहीं , दुश्मनों की हैं रातों की नींदें हराम ,
और मैं हूँ इन सब साजिशों से परे , मरूँगा भी तो जुबां चुग्लेगी नहीं !
यार तो मेरे कोई संग चलते नहीं , दुश्मनों से दुश्मनायी का अहसास है ,
पर दुश्मनों से भी सीधे ही लड़ता हूँ मैं , पीठ पीछे छुरा घोंपता मैं नहीं !!
श्री राधे श्री राधे , राधे राधे बोल , जग में खुल जाएँ अगर तेरे मेरे पोल ,
जग बाहर ज़ाहिर जो मेरे तेरे चेहरे हैं , सब झूठे हैं , पहने हैं हम खोल !
बतलाते दुनियां को हम हैं , प्यारी सच्ची बातें , और खूब बजाते ढोल ,
पैदा हों ईमानदार , क्रान्तिकारी हो जाए दुनियाँ , पर मेरे घर ? न बोल !!
सीधा चलूँ तो जले ज़माना , उल्टा चलूँ तो मैं गिरता हूँ ,
खड़ा रहूँ तो रह न सकूं मैं , दौडूँ तो बिन कारण दौड़ाए ज़माना !!
मेरे जैसा नहीं कोई दूजा , सरे बाज़ार , हर महफ़िल में सुना गया !
छाया अजीब सा नशा , दिमागी पतंग चढ़ी आसमान , सब घुमा गया ,
दूर अकेला हसे फिरंगी , पिन काफी मेरे मरने को , बैरी को बता गया !!
है शाम से बात मेरी हुई , अफ़साने न अब वो सुना पाएगी ,
न दादी न दादा ,न नानी न नाना बचे अब माँ के घर में , मौसी बुआ रिश्ते सभी ,बिज़ी हो गए हैं , और माँ बाप को अब फुर्सत ?
अरे तौबा तौबा , किस बला का ये नाम ले दिया है , अरे मेरी तौबा !
कहा मैंने जाओ नहीं रोक सकता , झूठे दिलासे मैं देता नहीं हूँ ,पर ,
सुधरें अगर हालात घर के , कल को , लोरी मुझे इक ज़रूर सुना देना !!
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