बदली से डरते सब कर्मचारी बेचारे , सामान का मिलता जबकि , भाड़ा किराया ,
और जानों की बदली में , तन भी जो हासिल है छूटे है , और जले दूजों के सहारे !!
शायद शहीद हो , मेरा दिल , भी किसी के कब्जे में है ,
और मैं हूँ के विरोध कुछ , करता नहीं !!
कृतज्ञता , कृतघ्नता में बदलेगी , था नहीं मालूम ?
गुरु शिष्य देखे थे मैंने ऐसे ऐसे की , जान हो उनपे फ़िदा !!
यार सर्जन मिला दे कोई ऐसा ,
जो या तो दर्द को , दिल से निकाल फैंके ,
या हमदम फिर मेरा बनादे !
चन्द लफ़्ज़ों में बात करदूं ? मुझे पसंद हो ज़माने में सिर्फ तुम !!
जा रहा हूँ तेरे लिए शबनम बटोरने ,
पल भर को मेरा इंतज़ार करना !!
कोयल बुला रही है मुझे मीठी आवाज़ में ,
देखूं तो क्या क्या संदेशे हैं प्यार के !!
ज़रा सुनिए तो कह रहा है तीतर काला पहाड़ी पर क्या क्या ?
ये मेरी टिकरी ,
आजा मेरी तीतरी ,
और ये सुन तीतर , दूसरे तीतर को शिकारी के इरादे बता रहा है क्या ?
लूण पियूं कि पिपली ? ( नमक पीसूं या पीपली , यानि , मिर्च )
तवा चढ़ाऊं कि ठीकरी ?
आजा मेरी तीतरी ,
पेट में डालूँ भीतरी !!
और जानों की बदली में , तन भी जो हासिल है छूटे है , और जले दूजों के सहारे !!
शायद शहीद हो , मेरा दिल , भी किसी के कब्जे में है ,
और मैं हूँ के विरोध कुछ , करता नहीं !!
कृतज्ञता , कृतघ्नता में बदलेगी , था नहीं मालूम ?
गुरु शिष्य देखे थे मैंने ऐसे ऐसे की , जान हो उनपे फ़िदा !!
यार सर्जन मिला दे कोई ऐसा ,
जो या तो दर्द को , दिल से निकाल फैंके ,
या हमदम फिर मेरा बनादे !
चन्द लफ़्ज़ों में बात करदूं ? मुझे पसंद हो ज़माने में सिर्फ तुम !!
जा रहा हूँ तेरे लिए शबनम बटोरने ,
पल भर को मेरा इंतज़ार करना !!
कोयल बुला रही है मुझे मीठी आवाज़ में ,
देखूं तो क्या क्या संदेशे हैं प्यार के !!
ज़रा सुनिए तो कह रहा है तीतर काला पहाड़ी पर क्या क्या ?
ये मेरी टिकरी ,
आजा मेरी तीतरी ,
और ये सुन तीतर , दूसरे तीतर को शिकारी के इरादे बता रहा है क्या ?
लूण पियूं कि पिपली ? ( नमक पीसूं या पीपली , यानि , मिर्च )
तवा चढ़ाऊं कि ठीकरी ?
आजा मेरी तीतरी ,
पेट में डालूँ भीतरी !!
No comments:
Post a Comment