दलदलों से निकल जाना माहिरों का काम था ,
मैं तो था मरने को हाज़िर , तुने देखा निकल गया !!
तू रौशन , तेरा नाम रौशन , रौशन तमाम दुनिया तेरी ,
मैं भला था चीज़ क्या , तेरी रौशनी ने जगा दिया !!
लौ दिए की ,रात भर टिमटिमाती रही ,
और अँधेरा कंपकंपाता रहा कोने में सारी रात !
चाँद सूरज हैरान हैं , इस तमाशे से ,
तारों को कर इकठ्ठा सुना रहे ज़ज्बात !
जो हम से न हो सका सारी उमर ,
कर दिखाई इस दिए ने वो करामात !!
मैं तो था मरने को हाज़िर , तुने देखा निकल गया !!
तू रौशन , तेरा नाम रौशन , रौशन तमाम दुनिया तेरी ,
मैं भला था चीज़ क्या , तेरी रौशनी ने जगा दिया !!
लौ दिए की ,रात भर टिमटिमाती रही ,
और अँधेरा कंपकंपाता रहा कोने में सारी रात !
चाँद सूरज हैरान हैं , इस तमाशे से ,
तारों को कर इकठ्ठा सुना रहे ज़ज्बात !
जो हम से न हो सका सारी उमर ,
कर दिखाई इस दिए ने वो करामात !!
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