जो भी मेरे साथ खड़ा हो जाता है , मैं छोटा और वो बड़ा हो जाता है !
स्वभाव से सब ऊपर से नीचे आता है , और वो मुझ में समा जाता है !!
मैं शिष्य हो जाता हूँ , वो गुरु हो जाता है , सब गुण ग्रहण करता हूँ ,
और अवगुण त्याग देता हूँ , और फिर इच्छा से छोटा बड़ा होता रहता हूँ !!
स्वभाव से सब ऊपर से नीचे आता है , और वो मुझ में समा जाता है !!
मैं शिष्य हो जाता हूँ , वो गुरु हो जाता है , सब गुण ग्रहण करता हूँ ,
और अवगुण त्याग देता हूँ , और फिर इच्छा से छोटा बड़ा होता रहता हूँ !!
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