Tuesday, 1 November 2011

जो  भी  मेरे  साथ  खड़ा  हो  जाता  है  ,  मैं  छोटा   और  वो  बड़ा  हो  जाता  है  !
स्वभाव  से  सब  ऊपर  से  नीचे  आता  है  ,  और  वो   मुझ  में  समा  जाता  है !!
मैं  शिष्य  हो  जाता  हूँ  ,  वो  गुरु  हो  जाता  है  ,  सब  गुण ग्रहण करता  हूँ  ,
और  अवगुण त्याग देता  हूँ , और  फिर  इच्छा  से  छोटा   बड़ा  होता  रहता  हूँ  !!   

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