Saturday, 26 November 2011


  • रोज  सागर  में  डूबता  जब  सूरज  , मस्ती  में  झूमता  सागर  है  !

  • चाँद  छूने  की  चाह  लिए  , ज्वार  में  झूलता  सागर  है  !!

  • पर  टिटिहरी  रोज  जताती  , किती  पियूँ , किती  पियूँ  ,

  • खारा  पानी  ? और  फिर  चुल्लू  में  , रोज  डूबता  सागर  है  !!

  • ...........................................किती  पियूँ  ,(  कहाँ  पियूँ )





  •    हसीं  था  वक्त और  मैं  , चलता  चला  , चलता  चला  !

  • बेहोश  सा  हर  कदम  , जिधर  चला  , चलता  चला  , चलता  चला  !!

  • रास्ते  में  कुछ  न  देखा  , कुछ  न  जाना  ,

  • जो  कुछ  मिला  सब  बटोरा ,गफलत  हुयी  !

  • अब  वक्त  बदला  ,घर  में  देखा  , कचरा  ही  कचरा  ,

  • बिखरा  पड़ा  है  हर  किनारे ,  नफरत  हुई  !! 

  • संभलता  वक्त  रहते  , वक्त  की  करता  कदर  ,

  • और  सब  छाँट  लेता  गर्दो ग़ुबार !

  • हीरे  मोती  न  सही  ,और  न  सही  ज़मीं  और  मकान  ,

  • इक  अदद  साथी  तो  होता  मन  की  बातों  के  लिए  !!


  • ज़माने  भर  से  आ  रही  हैं  सदायें  , और  मैं  मगरूर सुनता  ही  नहीं  , मशगूल  हूँ  !

  • कितने  लाख  , कितने  करोड़  , कितने  अरब  ,कितने  खरब  डालर  हुए  ,

  • और  कितने  बचे  आने  के  लिए  !!


  • तेरे  चेहरे  की  रंगत  खुशनुमां  है  ? कहीं  दुनियां  से  मेरा  जाना  , तय  तो  नहीं  है  ?

  • कभी  खिलते  हों  फूल  पतझड़  में  ?देखा  नहीं  है  ! अज  मेरी  रुखसती  की  शब्  तो  नहीं  है  ?


  • क्या  कहती  हो  ? चाँद  तारों  को  तेरा  चेहरा  दिखा  दूं  ?

  • अरे  कुछ  है  भी  खबर  वो  सारे  क्यों  लटके  हुए  हैं  ?

  • तेरा  रिश्ता  कोई  लेके  गया  था  खुदा  के  पास  ,

  • ये  सारे  भगौड़े  हैं  ,खुदा  का  घर  छोड़  आये  हैं  !!


  • मौला  मेरे  , मेरे  चेहरे  पे  कुछ  तो  रहम  किया  होता  ,

  • छिपाने  के  लिए  fb पे , तरीके  सब  आजमा  लिए  मैंने  !!


  • अग्नि  के  आवेश  में  , पानी  दिल  का  जला  !

  • और  रिहाईडरेशन  के  लिए  मदिरालय  जाना  पड़ा  !!


  • संघर्षों  से  ख़तम  होता  है  जीवन  का  संघर्ष  ,

  • एक  का  जीतना  और  दूसरे  का  हारना  , संघर्ष  !!

  • चला  रहता  है  जीवन  भर  , और  ठहरता  मात्र  मरने   पर  ,

  • न  डरना  मित्र  मेरे  इस  बला  से  ,पर  करना  सदा  सत्य  के  लिए  संघर्ष  !!


  • वो  सोचते  हैं  मैं  करिश्मा  हूँ  , और  मैं  सोचता  हूँ  वो  करिश्मा  हैं  !

  • खुदा  सोचता  है  मेरा  करिश्मा  है  , और  मैं  सोचता  हूँ  खुदा  करिश्मा  है  !!


  • वो  बोलते  हैं  मैं  खुदा  से  जुड़  गया  , मैं  बोलता  हूँ  तू  उड़  गया  ,

  • या  तो  तू  खुदा  से  मिल  गया  ,

  • या  खड्डे  में  गया  और  ज़मीं  खुदा ( खोदना ) के  जुड़  गया  !!


  • तू  गिरवी  न  रख  जुबान  को  , दिल  बहक  जाएगा  ,

  • मौत  तो  दोनों  तरफ  है  , अपना  तो  हो  के  जी  !

  • और  मरते  तो  वो  भी  हैं  , बेची  या  खरीदी  जुबान   जिसने  ,

  • पर  वो  मरते  हैं  , और  तुम  आजाद  होते  हो  !


  • दीवानों  की  हद  क्या  है  और  है  दीवानगी  क्या  , बतायेगा  खुदा  क्या  , खुद  भी  दीवाना  है  !

  • मुझसे  न  पूछ  , दीवाना  हूँ  मैं  क्या  ? पागल  तो  हूँ  पर  , खुदा  जैसा  नहीं  हूँ  !!


  • पेड़ों  के  झुरमुट  से  झांके  वो  शर्माकर  ,और  मैं  स्तब्ध  खड़ा  निहारूं  ईश्वर  की  अदा  को  !

  • मोहित  हूँ , अचंभित  हूँ  , क्या  क्या  हैं  करिश्में  , और  हैरान  हूँ  मैं  उनपे  भी  , जो  कलियाँ  तोडें , मरोड़ें !!



  • जहन्नुम  में  तुम  जाओ  मेरी  बला से  , मेरा  तो  खुदा  गुम है  , और  मैं  ढूंढ  के  पागल  हूँ  !

  • मिले  तो  बताना  तुम  , होश  में  आ  लूँगा  , और  तुमको  भी  जन्नत  की  दुवा  मैं  दूंगा  !!


  • तेरे  कानों  के  बुन्द्दे , तेरी  माथे  की  बिंदिया  , आते  हैं  सबकी  कविताओं  के  घेरे  में  !

  • पर  बूँद  पसीने  की  जो  गालों  पे  चमके  , मेरी  कविताओं  में  टांक  के  रखना  !!
















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