Wednesday, 9 November 2011


इंतज़ार  !!

इंतज़ार   ,  नयन   बिछाए  ,
एक   बच्चे   का   , 
भाई   स्कुल   गया   आएगा   ,
दिन   में   दस   बार   निकलता   घर   से  ,
ढूंढें   सामने   पहाड़ी   ढलान   पर   , 
कहीं   दिखे   निशाँ   भाई   के   ,
अभी   नहीं   आया   कोई  ,
माँ   अपने   काम  में   व्यस्त   ,
बच्चा    अकेला   तरसे   ,  साथी   ढूंढें   ,
अचानक   ऊंचाई   पे   निशाँ   दिखे   भाई   आया   ,
बच्चा   भागा   इक   कुर्ते   में   ,
धूल  सना    ,  नंगा   नीचे   से   ,  पुल   लांघ   ,
पाँव   भी   नंगे   थे   ,
पत्थर  चुभते   ,  कांटे   चुभते    ,  कोई      खबर   नहीं   ,
चढ़ाई   फांद  गया   इक   झटके   में   ,
भाई   ,  अपने   संगी   साथियों   के   था   साथ   ,
पर   वो   भी   अभी    बच्चा    ही   था   ,
पढ़   नहीं   पाया   भाई   को   ,
उसके   दिन   भर   के   सूनेपन   को   ,
जैसे   ही   छोटा   भाई   टांगों   से   लिपटा  ,
उसे   अच्छा   तो   लगा   ,  पर   कुछ   लज्जा   महसूस   हुई ,
दोस्तों   के   सामने   ,  उसे   लगा   वह   नंगा   हो   गया   ,
क्यों   आया   नंगा   ?  ये   छोटा   ,  पाँव   भी   नंगे   ?
कपड़े  भी   धूल   सने   ?
दे   उसने   थप्पड़   किया   रसीद   ,  छोटे   भाई   को   ,
सन्न   रह   गया   वो   छोटा   बच्चा   ,
समझ   नहीं   आया   ये   क्या   हुआ   ?
मैं   तो   बड़े   प्यार   से  , आया   भाई   को   मिलने   ?
अचानक   ये   क्या   हुआ   ,  भाई   को   गुस्सा   क्यों   आया   ?
कुछ   समझ   नहीं   आया   ,
समझने   के   चक्कर   में   रोना   भी   नहीं   आया   ,
अब   दोनों   चुपचाप   ,  बाकी   बच्चों   के   साथ   ,
घर   चले   आये   ,  वापिस   अपने   घर   ,
बड़े   भाई   ने   घर   आते   ही   ,  बस्ता   खोला   ,
बस्ते  से   जैसे   खजाना   ,  निकला   ,  कच्चे    आम  ,
पक्के   बेर   ,  करोंदे   सब   उल्टे  उसने   , 
कंच्चे   भी   बिखरे   कुछ   रंग   बिरंगे   ,
दोनों   भाई   ,  फिर   मस्त   हो   गए   खाने   ,  खेलने   में  ,
छोटा   भूल   गया    सब   ,  पर   बड़े   को   सब   याद   है  ,
वो   आज   भी   मन   मसोसता   है   क्यों   मारा   , 
मैंने   क्यों   मारा   छोटे   को   ? 
उसने   दोबारा   वो   गलती   नहीं   की  ,
और   दूसरे   दिन   ,  शुरू   हुआ   फिर   ,
वही  इंतज़ार   ,  दरवाजे   में   खड़े   होकर   ,
अधनंगे   ही   !! 
  

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