Tuesday, 1 November 2011

मोक्ष  पद  !!

मैं   नदिया  से  मिल   घर   वापिस  आ  रहा  था  ,
रास्ते  में  इक  बच्चा   मिला  उदास  मुंह  लटका  था  ,
क्या  हुआ  ?  पूछा  तो  बोला  परीक्षा   में  फेल  हुआ  ,  मरना  है  ,
मैंने  कहा  मरो  ,  पर  एक  अच्छा  काम  करो  , 
चलो  मेरे  साथ  एक  आदमी  खून  के  बिना  मर  रहा  है  ,
एक  के  किडनी  फेल  हैं  ,  एक  का  कोर्निया  बदलना  है  ,
हो  सकता  है  तुम्हारा  कोई  अंग , और  काम  आ  जाये  ,
डॉक्टर सब  काम  बेहोश  करके  करेंगे , और  तुम  भी  आसानी  से  मरोगे  ,
बात  मान  गया  और  ,  मेरे  साथ  हॉस्पिटल  आ  गया  ,
दरवाजे  पर  ही  एक  बिना  हाथ  पैर  का  भगवान  हँसता  खिलखिलाता  मिला,
थोड़ी   दूर  पर  दूसरा  भगवान  सूरदास   लंगड़े  को  सहारा  देता  मिला  ,
आगे  एक  इश्वर  कैंसर  का  वध  कर  रहा  था  ,
कहना  क्या  जो  मिला  जीवन  रुपी  दैत्य  को  पछाड़ता  मिला  ,
बच्चा   मेरे  पांव   पड़  गया  ,  बोला  मुझे  मोक्ष  मिल  गया  ,
अब  मैं  मरकर  क्या  करूंगा  ,  एक  एक  अंग  कटवाकर  नहीं  ,
पूरे  का  पूरा  जीवन  देकर  किसी  के  काम  आऊँगा  !!

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