जय पलासणियां
Friday, 25 November 2011
हमेशा रहूँगा मैं , तेरी यादों में , भूल पाए तू मुमकिन नहीं !
तेरे साथ था मेरे हमसफ़र , साए की तरह , है याद क्या ?
राह हमने चुनी , सदा साथ साथ , चाहे ठीक थी या नहीं !
तू रगों में है ,मेरे दौड़ती , खूँ तो बस इक नाम है !!
तेरा रंग है हिना हिना , खुशबू खस और गुलाब की !
तू रच गयी , मेरी रूह में , मेरा बदन तेरे नाम है !!
तू आती है हर ख्वाब में , इक परी स्वर्ग की जैसे हो !
फिर भूलेगी कैसे , तू सच बता , तेरी जिंदगी और जहां हूँ मैं !!
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