जोगिया तेरा कारवां , रुकेगा कब और कहाँ ,
मुझे प्यास है बहुत लगी , मिलादे अब मेरे यार से !!
जोगिया क्यों तू मीठी तान लगावे !
तू तो जोगी रमता जोगी , मेरी अखियाँ नीर भराए !
जोगिया क्यों तू मीठी तान लगावे !!
तू तो ध्यावे जगतपति को ,मुझे पी का ध्यान धरावे !
जोगिया क्यों तू मीठी तान लगावे !!
तेरी बातें समझ में आती होतीं ,तो क्यों आइनों को निहारती रातों में , अकेले में !
मैं तो समझी , जो तूने किया इशारा , झूठा था ,वहम था मेरा !!
कटा न लेती गर्दन ,अपनी , बात आई थी ,तेरे नाम पे जब ?
तुने भी तो वहम में रख , मुझे दोज़ख का नज़ारा दिखा दिया !!
तेरी शागिर्दगी बेकार गयी , काम आया तो हुनर अपना !
जाने किन किन शागिर्दों को तूने बेकार किया ?
तेरी बंदगी के सहारे हैं , खोले , पाल मैंने किश्तियों के !
तूभी हवाओं को रुख देता जा , थोडा हौसला बुलंद , मैं , रखता हूँ !!
चाँद खतरे में है , इंसान की नज़र सीधी है !
पहले देखता था ख़्वाबों में , अब हकीक़त से वाकिफ है !!
तू भी मानता है इंसान को खतरा ?
वाकिफ है क्या हकीक़त से ?
यहाँ जिसकी मर्ज़ी होती , बॉम्ब फोड़ जाता है !!
दौड़ते फिरते हैं कारवां , बचने के लिए , और क़ाबू हालात होते हैं !!
बिछा है खून ही खून सड़कों पर ,
यहाँ सब के सब कलर ब्लाइंड हैं ,
और हम हैं के लाइसेंस दिए जाते हैं !!
मेरा मारना अब हुआ मुश्किल , खून से लिखी इबारत है !
दिल कर रहे हिफाज़त मेरी , इक मरता है ,दूजा बनता है !!
चारों तरफ है शोर ही शोर ,खूनी है , पकड़ो इसे , छोड़ो इसे !
पहली आवाज़ इंसान की है दूसरी हैवान की है !!
सितारों से कहो साथ चलो , बाक़ी है अभी काम बहुत !
अँधेरा भी घना ऐसा है , सुस्ताने भी नहीं देता !!
साथी भी मेरे तो ऐसे हैं , चाँद , सूरज , सितारों की तरह !
काम हो तो कैसे हो ? एक आता है , दूसरा गायब , दूजा आता है , तीसरा गायब !!
जानते भी हो , कहाँ हो खड़े ? देश ये तो भारत है !
मंज़ूर मुझे तो मरना है , जीता हूँ तो इसी दम पर !!
भागो अरे भेड़िया आया , कहते बहुत ,दशहत के लिए !
हम कारवाँ तो ऐसे हैं , कायनात डरती है !!
हीरे बड़े चुनिन्दा हैं , रक्खे मेरे खजाने में ,
लता आशा , तेंदुलकर , रफ़ी ,अब्दुल क़लाम आज़ाद , और अमिताभ ,
ढके बाकी भी जितने हैं ,ला सकोगे न उनकी जैसी तुम ताब !
खोल दूं अगर पिटारा सब , निकलेगा मुंह से वाह ज़नाब !!
यूं हम डराते नहीं ज़माने को ,पर आग हैं हम भी ज़नाब ,
खेलना तो ज़रा हट के साहेब , बच के साहेब , फटे तो बॉम्ब ऐटम हैं ज़नाब !!
इस कारण से के भूलें न वो अपने निशान ,
मेरे पदचिन्नोहं पर चलना , छोड़ दिया !!
कोई जिए कंगाली में ,जब हो अमीर ,
और कोई कंगाली में भी अमीर है !!
No comments:
Post a Comment