Monday, 28 November 2011

वैज्ञानिक  ढूंढ  रहे  कारण  हैं , ये नींद  आती  क्यों  है ?  और  आती  क्यों  नहीं ?
और  मैं  चिंतित  हूँ  नींद  न  आएगी  तो  सपने  कहाँ  जायेंगे , और  आएगी  तो  कहाँ  जायेंगे !!
वैज्ञानिक  कोशिश  में  हैं  ,  रात  में  भी  दिन  हो  जाए  ,  सूरज  किरणें   निश  दिन  आयें ,
मैं  चिंतित  हूँ  ,  रात  कहाँ  जायेगी  ?  चाँद  और  तारे  कब  चमकेंगे ?  राहू  केतु  कब  ग्रसेंगे ?
क्या  सत्य  का  जानना  इतना  आवश्यक  है ? और  क्या  पूर्ण  सत्य  इतना  क्षुद्र  है ? मिल  जाएगा ?






  • शाम  ढल  जाए  तो  ये  इशारा  समझ  , वक्त  आने  का  तेरा , हो  चला  है  प्रिये  !

  • यूँ  सन्देश  भेजूंगा  , जानेंगे  लोग  , और  शोर  सा  इक  उठेगा  प्रिये  !!

  • सम्बन्ध  चर्चा  में  आये  ये  क्यों  ? कुछ  ज़माने  से  हमने  लेना  नहीं  !

  • ज़ख्म  देने  का  शौक  ज़माने  को  है  ,घर  में  आके  भी  वो , ज़ख्म  दे  जायेंगे  !!


  • सावन  जला  मेरे  मन  में  कहीं  , धुंध  ही  धुंध  छा  रही , लंग्ज़  में  है  मेरे  !

  • सांस  लेना  भी  मेरा  दुश्वार  है  , दिल  है  के  मरने  से  बाज़  आता  नहीं  !!

  • जहां  देखी  लड़की  दिल  लड़के  का  मरा , जहां  देखा  लड़का  , मरे  लड़की  का  दिल  !

  • ये  दिल  न  हुआ  कोई  खिलौना  हुआ  , झट  निकाल  सीने  से  बाहिर  किया  !!



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