देखे हैं मैंने , तेरी आँखों में , कुछ अजीब रंग ,
बुलाते भी हैं कुछ पास , और फिर रोक देते हैं !!
समझता हूँ तेरी हर बात , के झल्ला नहीं हूँ मैं ?
पर हर बात उजागर हो , ये दस्तूर है क्या ?
तहज़ीब की बात है , खंज्जर भी कभी पानी सा लगे , और प्यार भी कभी , गाली सा लगे !!
अभी तो आँखें मुश्किल से दो से चार हुयीं ! और दिल था मेरा के , ये गया और वो गया !!
जब भी मैं अकेला , महसूस करता हूँ ! मेरी यादों के जंगल में अकेला घूम आता हूँ !!
हमें तुम रुलाओगे यूं बार बार ? सोचा नहीं था ये होता है प्यार !!
आस्मां आज मेरी मुट्ठी में है , वो भी खाली और मेरे हाथ भी खाली हैं सनम !!
दोस्ती क्या है तुम्हें क्या मालूम , एक अदद ब्रूटस तो कभी साथ में रख !!
कहाँ तन्हाईओं में गुज़र है मेरा ? कुछ ख़ास जो गम हैं , पास बुला लेता हूँ मैं !!
दर्द के मंज़र से गुज़रे हैं , कई बार ,
हर बार दर्द पहले से ज़्यादा महसूस होता है !
लहर आती तो है किनारे , कई बार ,
नज़ारा हर लहर का अलग , महसूस होता है !
तुम देखो उलट के जब भी , हर बार ,
तुम्हारा चेहरा हमेशा , कुछ अलग महसूस होता है !
मेरी चाहत हमेशा एक सी रही हर बार ,
अंदाज़ चाहत का हमेशा , कुछ अलग , महसूस होता है !!
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