हूक सी उठती है दिल में जब , बोले रात को टिटिहरी !
जाने क्या ढूंढती रहती है रात के अँधेरे में !
या तो गुम है सजन उसका , या फिर पानी को तरसती !!
दिलदार के आगे तो , बादशाहों के भी हाथ बंधे थे ,
वो जो उल्टे थे कई तख़्त , बेगम के करिश्में थे !
शादी में बजे शहनाई और छड़ों की बन आई है ,
शायद मिल जाए कोई , सिंगल से डबल होने को !!
हर थाप पे उछलें वो , हाथ घुमाएं यूं ,
सारे ज़माने को , दिख वो ही रहे हैं !!
राम ही जाने ये रीत है कैसी ,
शादी में नाचें सब घोड़ी के आगे !
दुल्हे से भी ज्यादा , खुश हो रहे सब वो ,
चाहिए लड़की है , और नाचें ,घोड़ी के आगे !!
दुल्हे को छिपाया है सेहरे के पीछे ,
ताकि उसे यारों के करतब तो न दीखें !!
राम ही जाने क्यों दूल्हा ख़ुशी है ,
आगे है क्या होना , नहीं उसको दिखे है ?
हमने तो की सेहरे से बंद , सिर्फ आँखें हैं उसकी ,
मत मारी गयी क्यों , ये तो किसको खबर है ?
बाप ने दुल्हे के बरसाई शराब ,
शायद उसका का भी है खाना खराब ,
खा पी के बाराती तो जायेंगे घर अपने ,
और चाटेंगे उगाही को सब उसका दिमाग !!
आती हंसी तब है जब बाजा ये बोले ,
तैनू लाड़ा किने बनाया , भूतनी देया ,
तैनू घोड़ी किने चढ़ाया , भूतनी देया !!
जाने क्या ढूंढती रहती है रात के अँधेरे में !
या तो गुम है सजन उसका , या फिर पानी को तरसती !!
दिलदार के आगे तो , बादशाहों के भी हाथ बंधे थे ,
वो जो उल्टे थे कई तख़्त , बेगम के करिश्में थे !
शादी में बजे शहनाई और छड़ों की बन आई है ,
शायद मिल जाए कोई , सिंगल से डबल होने को !!
हर थाप पे उछलें वो , हाथ घुमाएं यूं ,
सारे ज़माने को , दिख वो ही रहे हैं !!
राम ही जाने ये रीत है कैसी ,
शादी में नाचें सब घोड़ी के आगे !
दुल्हे से भी ज्यादा , खुश हो रहे सब वो ,
चाहिए लड़की है , और नाचें ,घोड़ी के आगे !!
दुल्हे को छिपाया है सेहरे के पीछे ,
ताकि उसे यारों के करतब तो न दीखें !!
राम ही जाने क्यों दूल्हा ख़ुशी है ,
आगे है क्या होना , नहीं उसको दिखे है ?
हमने तो की सेहरे से बंद , सिर्फ आँखें हैं उसकी ,
मत मारी गयी क्यों , ये तो किसको खबर है ?
बाप ने दुल्हे के बरसाई शराब ,
शायद उसका का भी है खाना खराब ,
खा पी के बाराती तो जायेंगे घर अपने ,
और चाटेंगे उगाही को सब उसका दिमाग !!
आती हंसी तब है जब बाजा ये बोले ,
तैनू लाड़ा किने बनाया , भूतनी देया ,
तैनू घोड़ी किने चढ़ाया , भूतनी देया !!
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