मैं अब ५७ का हूँ ,
पर दिल कभी बचपन का ,
कभी जवानी का ,
और कभी बुढ़ापे का है ,
यूँ तो शरीर भी मेरा ,
और दिल भी मेरा है ,
पर दिल की अधिक सुनता हूँ मैं !!
पर दिल कभी बचपन का ,
कभी जवानी का ,
और कभी बुढ़ापे का है ,
यूँ तो शरीर भी मेरा ,
और दिल भी मेरा है ,
पर दिल की अधिक सुनता हूँ मैं !!
No comments:
Post a Comment