Saturday, 25 February 2012

मैं  अब  ५७  का  हूँ  ,
पर  दिल  कभी  बचपन  का  ,
कभी  जवानी  का  ,
और  कभी  बुढ़ापे  का  है ,
यूँ  तो  शरीर  भी  मेरा ,
और  दिल  भी  मेरा  है ,
पर  दिल  की  अधिक  सुनता  हूँ  मैं !!  

No comments:

Post a Comment