सितमगर की आँखों में खून का रंग देखा है ,
ये गुस्से से भरी आँखें , कभी तर हों पानी से ,
क्या ऐसा मंज़र भी आएगा ?
मैंने तो घायल ये कायनात देखी है , किसी अपने के खंज्जर से ,
कभी मरहम उठाये हवाएं हों ,
क्या ऐसा मंज़र भी आएगा ?
.....................
साधू की संगत का , कुछ असर ऐसा हुआ ,
सुबह मिलें मंदिर में , शाम को तय मयखाना हुआ !!
ये गुस्से से भरी आँखें , कभी तर हों पानी से ,
क्या ऐसा मंज़र भी आएगा ?
मैंने तो घायल ये कायनात देखी है , किसी अपने के खंज्जर से ,
कभी मरहम उठाये हवाएं हों ,
क्या ऐसा मंज़र भी आएगा ?
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साधू की संगत का , कुछ असर ऐसा हुआ ,
सुबह मिलें मंदिर में , शाम को तय मयखाना हुआ !!
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