होली के रंग में सराबोर ,
मैं मितवा को ढूंढूं बन चोर ,
मितवा छुप छुप जाए ,
कहीं नज़र न आये ,
होली के रंग में ,
प्यार की खुशबू ,
रतनारी है गुलाल अबीर ,
मैं ढूंढूं राधा राधा ,
सखियों पे रंग दिया डाल ,
अब राधा रूठ गयी ,
चलो राधा को करूँ सराबोर ,
होली आयो रे !!.......
बुरा न मानो होली है , सबको होली मुबारक हो !!
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होली के रंग सम रंग नहीं हैं , जो मन का मैल मिटाए ,
बिना बैर और बिना विरोध के , शत्रु , मित्र बन जाए !!
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मन साफ़ सफ़ेद रखना तुम , मेरे रंग खिलेंगे फागुनी सब ,
जब भी खिलखिलाओगे , फूल सतरंगी झर आयेंगे दामन में तेरे !!
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होली के रंग , बहुत बार मन में लगे मेरे ,
बचा सिर्फ तेरा रंग , धुल गये बाकी सारे !!
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होली सिर्फ होली खेलना तुम ,
बहाने होरी के , लिपट न जाना , रंगों की तरह ,
निर्लज्ज हवाओं की तरह छू न लेना ,
मेरा गदराये मौसम सा शरीर !!
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आरोह में थे सब स्वर मेरे ,
तेरे निखरे बिखरे रंगों ने ,
होरी के दिन ,
अजब राग सिखा दिया !!
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दर्द के सब रंग ,
होली के रंगों में बह गये मेरे ,
अब सब बेरंग है ,
सिवा खून के मेरे !!
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अपने हाथों में गुलाल कम एहसास अधिक रखना ,
मेरा तन मन रंग देना एक ही बार सब !!
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तेरे रंगों में तेज़ाब सा है कुछ ,
मेरा अहं पिघल गया सारा !!
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तू अपने रंगों को उधर देदे मुझे ,
संभाले रक्खूँगा अंतिम होली तक !!
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मुझे न पता था ,
मेरा बसंत तेरे कारण हुआ ,
मैं तो समझा होली है आज !!
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यार मत इठला , होली लगाने दे मुझे ,
कुछ लोग अनाड़ी समझ रहे हैं मुझे !!
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तोड़ दो बाँध सारे ,
आज यार चाहता है डुबोना मुझे !!
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रंगे दामन को रंगें क्या , यार मेरे ,
मेरी तरह धुल के आओ हर बार , तो कुछ बात बने !!
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सितम हर बार करो ,
और छुड़ालो दामन मुझसे ,
न समझ नादानी मेरी ,
ये तो होली की सौगात है ,
मजा भीगने का ले रहा हूँ आज !!
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आज तितलियाँ सारी पागल हुयीं ,
ये कौन पंख उनके , चुरा ,
मानुष को बेच आये आज !!
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नचा तुमने लिया तो नाच आये हम ,
क्या चला पता , होली में कौन पागल हुआ !!
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