कटेगा फिर मेरा वक्त सुनहरे किनारों की तरह ,
ऐ नदी बहती जा बहती जा , सुरमई धारे बन !
संगीत के झूले पे झूले जाए मेरा मन तरंगित हो ,
तू मेरा सुर बन जा , तू मेरा ताल कहरवा बन !
ये जीवन के झमेले , मेले बन लगेंगे हर बरस ,
तू बस झेलता जा झेलता जा , इक बच्चा बन !
गुब्बारा फूटेगा तो बचपन तड़पेगा ही पल भर ,
फिर बहल जाएगा , लहराएगा , मन , पतंग इक बन !
शाम आयेगी थका होगा परिश्रम से जब तन मन ,
देखना तुम , स्वप्न सुनहले पूर्ण हो , दुलारेंगे प्रेयसी बन !!
ऐ नदी बहती जा बहती जा , सुरमई धारे बन !
संगीत के झूले पे झूले जाए मेरा मन तरंगित हो ,
तू मेरा सुर बन जा , तू मेरा ताल कहरवा बन !
ये जीवन के झमेले , मेले बन लगेंगे हर बरस ,
तू बस झेलता जा झेलता जा , इक बच्चा बन !
गुब्बारा फूटेगा तो बचपन तड़पेगा ही पल भर ,
फिर बहल जाएगा , लहराएगा , मन , पतंग इक बन !
शाम आयेगी थका होगा परिश्रम से जब तन मन ,
देखना तुम , स्वप्न सुनहले पूर्ण हो , दुलारेंगे प्रेयसी बन !!
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