Wednesday, 15 February 2012

ज़ुल्म  कमा आये  हैं  वो ,
आँखों  को  लड़ा  आये  हैं  वो !!
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कभी  ऐसा  भी  हुआ  होता  ,  भूले  होते  कुछ ,
इन  यादों  ने  तरसाया  बहुत  ,  रुलाया  बहुत !!
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पंखुड़ी  पंखुड़ी  कर  दिया  गुलाब ,  यार  ने  मेरे  ,
शहादत  गुल  की  हुई ,  कश्मशे  हाँ  ना में  !!
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आसमाँ  अभी  और  ,  अभी  और  ,  अभी  और  भी  हैं ,
सर  पे  मेरे  जो  है ,  तेरा  सहारा  भर  है  !!
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यार  कुछ  तो  सज़ा  उनको  भी  मिले  ज़मानें  में  ,
कर  आये  जो  दीदारे  यार  , दीद  खुलने  से  पहले  !!
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हाले  दिल  दीवारों  को  सुनाया  करते  हैं  रोज़  ,
जाने  कौन  घड़ी  ज़माना  भी  सुनले  साथ  !!
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तरन्नुम  में  वो  चलते  हैं  ,  ठुमक जाता  बदन  उनका ,
लहरें  सी  उठाते  हैं  तालाब  में  मन  के  वो !!
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टूटा  था  मेरा  दीवाना  दिल  ,
और  वो  समझे  रात  हुई !!      

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