धडकनों की कसम , धड़कने ना देता दिल को अकेले में ,
पर तुमसे ख्वाबों में मिलने का लालच ,ले आता है , आँखों में नींद मेरी !!
पर तुमसे ख्वाबों में मिलने का लालच ,ले आता है , आँखों में नींद मेरी !!
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फिर लिख आया हूँ वही शब्द पुराने ,
जिनपे ताजमहल खड़े होते हैं , पानी में ,
फिर गुनगुना आया हूँ , शब्द वही जाने पहचाने ,
जिनपे अफ़साने घड़े जाते हैं , हवा में ,
फिर उट्ठा है शोर मारो काटो ,
घर से निकले हैं दीवाने दो मिलने को , ज़माने में ,
पर ये तो चलन हमारा नहीं , बसने दें ,
बनने दें प्यार का घर दस्तूर नहीं ,
आइ , लव यू , कहने वाले जीने के हकदार नहीं ,
इन्हें बस इक कहानी ही में रहने दो ,
या फिर पेड़ों की छालों में खुदा रहने दो ,
प्यार को अमरत्व मिला है , जीवन नहीं , चाहो तो अब जीने दो !!
जिनपे ताजमहल खड़े होते हैं , पानी में ,
फिर गुनगुना आया हूँ , शब्द वही जाने पहचाने ,
जिनपे अफ़साने घड़े जाते हैं , हवा में ,
फिर उट्ठा है शोर मारो काटो ,
घर से निकले हैं दीवाने दो मिलने को , ज़माने में ,
पर ये तो चलन हमारा नहीं , बसने दें ,
बनने दें प्यार का घर दस्तूर नहीं ,
आइ , लव यू , कहने वाले जीने के हकदार नहीं ,
इन्हें बस इक कहानी ही में रहने दो ,
या फिर पेड़ों की छालों में खुदा रहने दो ,
प्यार को अमरत्व मिला है , जीवन नहीं , चाहो तो अब जीने दो !!
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