बोले जाईये , बोले जाईये , सूफियत में आज ,
मैं बड़ा शर्मिंदा हूँ , वहशियत के बाद !!
........
दोपहर जिसकी , सुबह उसकी ही सनम ,
मेरा तो बस होना है , जो ख़ुशी से हूँ !!
........
तेरी ज़मीं तेरा आसमान , तारे तेरे सनम ,
मैं तो सिर्फ ख्वाब , बस ख्वाब हूँ सनम !!
...........
सब अजनबी हैं और हालात भी अजनबी सनम ,
बस इक मैं और मैं सिर्फ काएनात में !!
............
तेरे ख्वाब में था कोई तो , मैं न था सनम ,
मेरा तो अजनबी है नाम , और अजनबी बस हूँ !!
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मुझे चाहिए तो सनम , बस सनम , मेरे सनम ,
पर सनम हो खुदा बस खुदा , मेरे सनम !!
मैं बड़ा शर्मिंदा हूँ , वहशियत के बाद !!
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दोपहर जिसकी , सुबह उसकी ही सनम ,
मेरा तो बस होना है , जो ख़ुशी से हूँ !!
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तेरी ज़मीं तेरा आसमान , तारे तेरे सनम ,
मैं तो सिर्फ ख्वाब , बस ख्वाब हूँ सनम !!
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सब अजनबी हैं और हालात भी अजनबी सनम ,
बस इक मैं और मैं सिर्फ काएनात में !!
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तेरे ख्वाब में था कोई तो , मैं न था सनम ,
मेरा तो अजनबी है नाम , और अजनबी बस हूँ !!
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मुझे चाहिए तो सनम , बस सनम , मेरे सनम ,
पर सनम हो खुदा बस खुदा , मेरे सनम !!
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