Saturday, 18 February 2012

बोले  जाईये  , बोले  जाईये  , सूफियत  में  आज  ,
मैं  बड़ा  शर्मिंदा  हूँ  , वहशियत  के  बाद  !!
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दोपहर  जिसकी  , सुबह  उसकी  ही  सनम  ,
मेरा  तो  बस  होना  है  , जो  ख़ुशी  से  हूँ  !!
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तेरी  ज़मीं  तेरा  आसमान  , तारे  तेरे  सनम  ,
मैं  तो  सिर्फ  ख्वाब  , बस  ख्वाब  हूँ  सनम  !!
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सब  अजनबी  हैं  और  हालात  भी  अजनबी  सनम  ,
बस  इक  मैं  और  मैं  सिर्फ  काएनात  में  !!
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तेरे  ख्वाब  में  था  कोई  तो  , मैं  न  था  सनम  ,
मेरा  तो  अजनबी  है  नाम  , और  अजनबी  बस  हूँ  !!
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मुझे  चाहिए  तो  सनम  , बस  सनम  , मेरे  सनम  ,
पर  सनम  हो  खुदा  बस  खुदा  , मेरे  सनम  !!

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