हार आये हैं दिल -ओ- जान ,
नगमा -ए -आरज़ू में हम ,
अब तो ख़ुदा ख़ैर करे !
ख़ाली कर आये हैं ,
गम का सैलाब ,
अब तो ख़ुदा ख़ैर करे !!
दिल की किताब के पन्ने ख़ाली थे जो ,
रंग आये उनको भी आज ,
अब तो ख़ुदा ख़ैर करे !
साहिलों के हौसले जो ख़स्ता थे ,
उनको हम ज़ुनून का दे आये तेज़ाब ,
अब तो ख़ुदा ख़ैर करे !!
नगमा -ए -आरज़ू में हम ,
अब तो ख़ुदा ख़ैर करे !
ख़ाली कर आये हैं ,
गम का सैलाब ,
अब तो ख़ुदा ख़ैर करे !!
दिल की किताब के पन्ने ख़ाली थे जो ,
रंग आये उनको भी आज ,
अब तो ख़ुदा ख़ैर करे !
साहिलों के हौसले जो ख़स्ता थे ,
उनको हम ज़ुनून का दे आये तेज़ाब ,
अब तो ख़ुदा ख़ैर करे !!
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