शॉर्ट सर्कट अब हो गये हम ,
ज़मीं से आसमाँ , अब हो गये हम ,
बिना आठवीं दस करें ,
बिना पढ़े डिग्री करें ,
जेल ( अपराध कर के ) जाकर नेता बनें ,
सेवा की अब क्या कहें ?
दो रूपए की औषधि ,
हजार में मिल जायेगी ,
जो बीमारी न भी हो ,
टेस्टों में निकल जायेगी ,
इंजीनीयर , ऐसे पुल बनाएं ,
दो दिन में जो , ओझल हो जाएँ ,
सालों साल चलें मुकद्द्में ,
अपराधी , दो दिन में , घर धाये ,
गुरु जी की क्या कहें बस ?
अखबार रोज़ , कहानी सुनाये ,
विकास का ऐसा रंग है छाया ,
देख सकते नहीं , स्वयं की प्रतिच्छाया ,
ऐसे अजूबे हो गये हम ,
शॉर्ट सर्कट , अब हो गये हम !!
ज़मीं से आसमाँ , अब हो गये हम ,
बिना आठवीं दस करें ,
बिना पढ़े डिग्री करें ,
जेल ( अपराध कर के ) जाकर नेता बनें ,
सेवा की अब क्या कहें ?
दो रूपए की औषधि ,
हजार में मिल जायेगी ,
जो बीमारी न भी हो ,
टेस्टों में निकल जायेगी ,
इंजीनीयर , ऐसे पुल बनाएं ,
दो दिन में जो , ओझल हो जाएँ ,
सालों साल चलें मुकद्द्में ,
अपराधी , दो दिन में , घर धाये ,
गुरु जी की क्या कहें बस ?
अखबार रोज़ , कहानी सुनाये ,
विकास का ऐसा रंग है छाया ,
देख सकते नहीं , स्वयं की प्रतिच्छाया ,
ऐसे अजूबे हो गये हम ,
शॉर्ट सर्कट , अब हो गये हम !!
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