यहाँ कद के मुताबिक़ ,
मिलता है सब कुछ ,
और ये कद ,
आसमान से नहीं ,
पाँव छूने से बढ़ता है आजकल !
इक बार अगर ,
ये कद बढ़ जाए ,
तो जुबां पे सरस्वती ,
और इशारे पे लक्ष्मी ,
विराजती है आजकल !
फिर तुम भी किसीका ,
कद बढ़ा सकते हो ,
मालिश करवा सकते हो ,
पाँव दबवा सकते हो ,
पूजा करवा सकते हो आजकल !
पर ये कद बढ़ना ,
है लगातार कदम ,
अपने से बड़े कद्दावर का ,
कदम है कहाँ ,ख्याल रखना ,
ज़माना खराब है आजकल !
कभी अपने से बड़ा ,
बिदक गया ,
और तुमसे छोटा ,
झिझक गया ,
तो कद बौना भी हो सकता है आजकल !
इसलिए संभल ,
कद ऊंचा करने को ,
घर से निकल ,
और जब तक ताड़ न बनों ,
आत्म सम्मान को घर भूल जाना , आजकल !!
मिलता है सब कुछ ,
और ये कद ,
आसमान से नहीं ,
पाँव छूने से बढ़ता है आजकल !
इक बार अगर ,
ये कद बढ़ जाए ,
तो जुबां पे सरस्वती ,
और इशारे पे लक्ष्मी ,
विराजती है आजकल !
फिर तुम भी किसीका ,
कद बढ़ा सकते हो ,
मालिश करवा सकते हो ,
पाँव दबवा सकते हो ,
पूजा करवा सकते हो आजकल !
पर ये कद बढ़ना ,
है लगातार कदम ,
अपने से बड़े कद्दावर का ,
कदम है कहाँ ,ख्याल रखना ,
ज़माना खराब है आजकल !
कभी अपने से बड़ा ,
बिदक गया ,
और तुमसे छोटा ,
झिझक गया ,
तो कद बौना भी हो सकता है आजकल !
इसलिए संभल ,
कद ऊंचा करने को ,
घर से निकल ,
और जब तक ताड़ न बनों ,
आत्म सम्मान को घर भूल जाना , आजकल !!
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