यार , जुल्म की हुई , फिर इन्त्तिहा आज ,
याद आया तेरा प्यार से , ज़ख्मों पे फिरा हाथ !
उस हाथ को ढूंढो तो , मिलना मुश्किल ,
आज शामिल कहाँ , यार में , पहले से जज़्बात !
याद आया तेरा प्यार से , ज़ख्मों पे फिरा हाथ !
उस हाथ को ढूंढो तो , मिलना मुश्किल ,
आज शामिल कहाँ , यार में , पहले से जज़्बात !
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