अब ख़बरों में वो आता है , जुल्म जो कर जाता है ,
कुछ क़त्ल कुछ रेप , कुछ मामलात रैड टेप ,
कुछ भीगते हुए बारिश में , कुछ हालाते खारिश में ,
कुछ सेंकते धूप , कुछ गिरते हैं जो अंध कूप ,
कुछ प्रचार किसी का , कुछ व्यापार किसी का ,
खेल खबरें भी वही , जो बिक जाती हैं ,
नाज़ नखरे भी वही , आँखें जिनसे सिंक जाती हैं ,
कुछ तो बदलो मेरे यार ,
भार तुम भी उठाओ यार ,
उनको भी दो कुछ जगह उधार,
लिखो उनपर भी कुछ , जो बेड़ा लगाएं पार !!
कुछ क़त्ल कुछ रेप , कुछ मामलात रैड टेप ,
कुछ भीगते हुए बारिश में , कुछ हालाते खारिश में ,
कुछ सेंकते धूप , कुछ गिरते हैं जो अंध कूप ,
कुछ प्रचार किसी का , कुछ व्यापार किसी का ,
खेल खबरें भी वही , जो बिक जाती हैं ,
नाज़ नखरे भी वही , आँखें जिनसे सिंक जाती हैं ,
कुछ तो बदलो मेरे यार ,
भार तुम भी उठाओ यार ,
उनको भी दो कुछ जगह उधार,
लिखो उनपर भी कुछ , जो बेड़ा लगाएं पार !!
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