उजड़े शहर में क्यों जाएँ , अब बार बार ,
दुखता है वो भी , अब मेरे आने से , यार !
सोया है यादों को वो , सिरहाने लिए लिए ,
टूटे अब नींदें , उसकी , क्यों , बार बार !
याद सांझी है , युग , कितने ? बिताए हमनें ,
वो भी तरसता है , उस रौनक को , रे यार !
दुखता है , वो भी , और मैं भी , हर शाम ,
बिछुड़े हम दोनों हैं , देश हित को मेरे यार !!
बिलासपुर , हिमाचल प्रदेश , भाखड़ा बाँध , के कारण ,
उजड़ा था ! आज भी विस्थापन का दर्द लिए , यहाँ के ,
विस्थापित लोग , सन 1 9 5 9 से अब तक , उस समय से
मिली समस्याओं से जूझ रहे हैं ! उसी दर्द को इन पंक्तियों
के माध्यम से व्यक्त करने का एक प्रयास !!
दुखता है वो भी , अब मेरे आने से , यार !
सोया है यादों को वो , सिरहाने लिए लिए ,
टूटे अब नींदें , उसकी , क्यों , बार बार !
याद सांझी है , युग , कितने ? बिताए हमनें ,
वो भी तरसता है , उस रौनक को , रे यार !
दुखता है , वो भी , और मैं भी , हर शाम ,
बिछुड़े हम दोनों हैं , देश हित को मेरे यार !!
बिलासपुर , हिमाचल प्रदेश , भाखड़ा बाँध , के कारण ,
उजड़ा था ! आज भी विस्थापन का दर्द लिए , यहाँ के ,
विस्थापित लोग , सन 1 9 5 9 से अब तक , उस समय से
मिली समस्याओं से जूझ रहे हैं ! उसी दर्द को इन पंक्तियों
के माध्यम से व्यक्त करने का एक प्रयास !!
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