Thursday, 11 April 2013

उजड़े  शहर  में  क्यों  जाएँ ,  अब  बार बार ,
दुखता  है वो  भी , अब  मेरे  आने  से , यार  !
सोया  है  यादों  को  वो , सिरहाने लिए लिए ,
टूटे  अब  नींदें , उसकी  , क्यों , बार  बार  !
याद  सांझी  है ,  युग , कितने ? बिताए  हमनें ,
वो  भी  तरसता  है  , उस  रौनक  को , रे  यार !
दुखता  है ,  वो  भी  , और  मैं  भी , हर  शाम ,
बिछुड़े  हम  दोनों  हैं ,  देश हित  को  मेरे  यार !!

बिलासपुर  ,  हिमाचल प्रदेश ,  भाखड़ा बाँध ,  के  कारण ,
उजड़ा  था  !  आज  भी  विस्थापन  का  दर्द  लिए ,  यहाँ  के ,
विस्थापित  लोग , सन  1 9 5 9 से  अब तक ,  उस  समय से
मिली  समस्याओं से  जूझ  रहे  हैं ! उसी  दर्द  को  इन  पंक्तियों
के  माध्यम से  व्यक्त करने  का  एक  प्रयास !!



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