नदिया सबके अंतस में ,
सूखी ? बहती ? इच्छा है !
आग का सूरज अंतस में ,
जलता ? जलाता ? इच्छा है !
आकाश बसा है अंतस में ,
खाली ? भरा ? इच्छा है ?
प्राण बसा है अंतस में ,
मृत ? या जीवित ? इच्छा है !
गंध का साम्राज्य अंतस में ,
सुगंध ? दुर्गन्ध ? इच्छा है !
इच्छा है स्वयं की अलग अलग ,
मानव को करती , विलग विलग ,
मैंने देखा है , गरीब का उत्थान ,
मैंने देखा है , अमीर , शमशान ,
निर्बुद्ध को देखा बुद्ध बने ,
बौद्धों को देखा , निर्बुद्ध बने ,
ये जो , मेरी मूरत है ,
मैं हूँ इसका स्वयं भगवान् ,
फिर भी अगर , न इच्छावत हो ,
तो इच्छा तेरी मेरे राम !!
सूखी ? बहती ? इच्छा है !
आग का सूरज अंतस में ,
जलता ? जलाता ? इच्छा है !
आकाश बसा है अंतस में ,
खाली ? भरा ? इच्छा है ?
प्राण बसा है अंतस में ,
मृत ? या जीवित ? इच्छा है !
गंध का साम्राज्य अंतस में ,
सुगंध ? दुर्गन्ध ? इच्छा है !
इच्छा है स्वयं की अलग अलग ,
मानव को करती , विलग विलग ,
मैंने देखा है , गरीब का उत्थान ,
मैंने देखा है , अमीर , शमशान ,
निर्बुद्ध को देखा बुद्ध बने ,
बौद्धों को देखा , निर्बुद्ध बने ,
ये जो , मेरी मूरत है ,
मैं हूँ इसका स्वयं भगवान् ,
फिर भी अगर , न इच्छावत हो ,
तो इच्छा तेरी मेरे राम !!
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