Wednesday, 3 April 2013

आ चलें ,
कुछ कदम ,
कुछ भला ,  कर जाएँ हम ,
पहचानें कोई ,  न इसलिए ,
पर है ये धर्म इसलिए !
ये जिंदगी जो चल रही ,
है निरंतर धार ये ,
पर केवल तब तलक ,
जब है न बस ,  निस्सार ये !!

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