Monday, 8 April 2013

कितने  ही  उपद्रव  हुए हैं  धरा पर ,
पर  क्षमा किये  जाती  तू  माँ अभी ,
और  हम  हैं  कि , परीक्षा लिए  जा  रहे ,
सहेगी तू  कब  तक , पीड़ा , दिए  जा  रहे ,
मालूम है ,  है  दूजी , कोई ,  माँ न अभी  !!

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