कितने ही उपद्रव हुए हैं धरा पर ,
पर क्षमा किये जाती तू माँ अभी ,
और हम हैं कि , परीक्षा लिए जा रहे ,
सहेगी तू कब तक , पीड़ा , दिए जा रहे ,
मालूम है , है दूजी , कोई , माँ न अभी !!
पर क्षमा किये जाती तू माँ अभी ,
और हम हैं कि , परीक्षा लिए जा रहे ,
सहेगी तू कब तक , पीड़ा , दिए जा रहे ,
मालूम है , है दूजी , कोई , माँ न अभी !!
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