जब पूछा ,
एक बात पूछूं रे मन ?
हर पल तू बदलता क्यों है ?
मन बोला ,
स्थित कौन ?
शरीर तेरा ?
धरा ?
सूरज , चन्दा ?
समय का फंदा ?
दिशाएँ , पवन , शैल या सागर ?
राजा ? प्रजा ?
ईश्वर इच्छा ?
फिर मैं ही न बदलूँ क्यों ?
मैं बदलूँ , तो तू बदले पहाड़ ,
मिट्टी के शेर से निकले दहाड़ ,
युग बदले जब मन बदले राम का ,
सुबह का जगा , दिवस का थका ,
इंतज़ार करे शाम का !!
एक बात पूछूं रे मन ?
हर पल तू बदलता क्यों है ?
मन बोला ,
स्थित कौन ?
शरीर तेरा ?
धरा ?
सूरज , चन्दा ?
समय का फंदा ?
दिशाएँ , पवन , शैल या सागर ?
राजा ? प्रजा ?
ईश्वर इच्छा ?
फिर मैं ही न बदलूँ क्यों ?
मैं बदलूँ , तो तू बदले पहाड़ ,
मिट्टी के शेर से निकले दहाड़ ,
युग बदले जब मन बदले राम का ,
सुबह का जगा , दिवस का थका ,
इंतज़ार करे शाम का !!
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