Friday, 16 December 2011

गरीबों  की  बस्ती  में  इक  मेरा  भी  घर  है ,
जितना  भी  दो  तुम  हलक  में फंसता नहीं  है ,
अरबों में भी  मिल  जाए नहीं  भूख का  अंत ,
और  अमीर  के  घर  दो  वक्त  की  रोटी  नहीं  है !!



  • दिल  के  दरमियाँ जो  खून  बहता  है  , 
    सारे  जहाँ  का  वो  दर्द  कहता  है  , 
    सुनता  तो  है  दिमाग  इंसान  का  , 
    पर  भुगतता  है  खामियाजा  वही दिल  इंसान  का  !


  • वो  सारे  जहां  का  दर्द  लिए  घूमता  है  , और  खुशियाँ  सारे  जहां  को  बाँटता  है  !

  • खुदा  लोग  उसको  , क्यों  बोलते  हैं  , जानता  नहीं  था  , कभी  इस  से  पहले  !!


  • रंजो  गम  का  रंग  उसकी  आँख  में  तिर आया  है  !

  • खून-ऐ-जिगर  का  रंग  गया  , लखत -ऐ -जिगर  का  संग  गया  !!


  • ललारिया रंग  दे  कोई  ऐसा  जो  दिल  पे  खिले  ,

  • बहार  खिलाता  है  जहाँ  , मैं  खिज़ां खिलाने  चला  !!


  • चाहत  तो  मेरी  देखिये  , सारे  जहां  पे  नज़र  है  मेरी  ,

  • पर  मुट्ठी  मेरी  खुलती  ना , छूटेगा  जो  हाथ  में  है  , डर है  मुझे  ,

  • अब  तू  ही  बता  , हाथ  में  मेरे  , ए  खुदा  आएगा  क्या  !!


  • ओ  खबरी  ज़रा  खबर  तो  ला  , मेरा  परदेसी  किस  देस  गया  ?

  • क्या  यही  हवाएं  बहती  वहां  ? क्या  धूप यही  है  खिलती  वहां  ?

  • या  भेजूं  कोई  कम्बल  वंबल  ?कोई  है  तो  नहीं  जंगल  वंगल  ?

  • बर्फ  तो  ना  गिरती  वहां  ? आंधी  तो  नहीं  घिरती  वहां  ?

  • ज़्यादा नहीं  इक  बार  तू  जा  ! अच्छा  सा  सन्देश  तू  ला  !

  • मैं  चिंतित  हूँ  जब  से  वो परदेस  गया  , अब  जल्दी  से  जा  ,जल्दी  से  आ  !!


  • शिखा  सी  उठती  है  धुवें  की  पर्वतों  से  ,

  • फिर  कोई  अनाचार  का  सन्देश  दे  रहा  है  वहां  !

  • फिर  कोई  बेटी  बिकी  किसी  गरीब  की  लाचारी  में  ,

  • या  फिर  कतार  में  पशुवध  हुआ  वहां  !!


  • फरिश्तों  तक  को  भी  खबर  ना  हुयी  , और  दिल  मेरा  पहलू  से  गया  !

  • वो  थामे  दिल  को  मेरे  या  पहलू  को  , पशोपेश  में  उनका  भी  गया  !!


  • गिरहकटों  के  शहर  में  रात  हुयी  , और  दामन  मेरा  चाक  हुवा  बारम्बार  !

  • पर  खुदा  मेरा  दिल  के  अन्दर  था  , मस्जिदों  में  तो  महज  नमाज़  हुयी  !!


  • शाम  से  ही  परेशान  था  मैं  , सुबह  होगी  तो  क्या  होगा  ?

  • सुबह  ने  कहा  खुशामदीद  , और  रात  मेरी  बिन बात  हलाल  हुयी  !!


  • हवाओं  के  रुख  पे  नज़र  रख  अपनी  , समंदर  फिर  तेरा  होगा  !

  • यूँ  बहके  उल्टे  धारे  में  , हासिल  किनारा  क्या  होगा  !!


  • चारों  तरफ  नज़ारे  थे  , मेरा  इक  गया  मैं  रोने  लगा  !

  • मेरे  रोने  ने  डराए नज़ारे  सब  , सब  किनारे  किनारे  निकल  लिए  !!


  • चंदा  को  चांदनी  से  क्या  मतलब  , वो  तो  सेंकता  सूरज  की  धूप  !

  • कुछ  ना  रख  अपने  पास  चांदनी  बना रौशनी को  लौटा  देता  !!


  • लबे  बाम  तक  था  आया  जो  , खामोशियों  का  शोर  था  ,

  • मेरे  हुनरमंद  दिल  ने  कहा  जा  दर्द -ऐ -गम  तू  पीछे  जा  !!


  • जाम  का  रंग  गहरा  हुआ  , और  गहरा  हुआ  मेरा  सुरूर  ,

  • दिल  को  बहलाने  के  खातिर  , जिगर  का सौदा  हुआ !!

     

  • फैसला  करना  है  मुझको  दिल  बचे  या  बचे  जिगर  ,

  • मैंने  एक  ही  जाम  को  दो  बार  करके  पी  लिया  !!


  • नक्श  उनके  और  कदम  मेरे  , नक़्शे  कदम  पर  ना  चलूँ  मैं  !

  • पर  बचना  हो  शैतान  से  तो  पहचान  भी  ज़रूरी  है  !!


















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