मैं चलूँ किसी डगर , किसी गाँव किसी शहर ,
मेरा चरित्र साथ जाए मेरा करम साथ जाये !
कभी देर ना हुई है , कोई लक्ष्य साधने में ,
निर्धारण करो जब भी , पहला कदम बढ़ाओ !
पहला ही कदम विशेष है , जो अंत तक ले जाये ,
रफ़्तार सही रक्खो लम्बे फासले जो दौड़ना हो !
रास्ते में बहुत सी बाधाएं संग संग भागती हैं ,
हल भी सब निकलते , जब पक्के हों इरादे !
लालच भी रास्ते में कई हैं भटकाते और लुभाते ,
पर तुम हो राही मजिल के और अंत तक है जाना !
मन के मेरे साथी पहले तोलता हूँ , फिर प्रिय बोलता हूँ ,
प्रयत्न मन से सब करलो अवश्य सिद्धियाँ मिलेंगी !!
मेरा चरित्र साथ जाए मेरा करम साथ जाये !
कभी देर ना हुई है , कोई लक्ष्य साधने में ,
निर्धारण करो जब भी , पहला कदम बढ़ाओ !
पहला ही कदम विशेष है , जो अंत तक ले जाये ,
रफ़्तार सही रक्खो लम्बे फासले जो दौड़ना हो !
रास्ते में बहुत सी बाधाएं संग संग भागती हैं ,
हल भी सब निकलते , जब पक्के हों इरादे !
लालच भी रास्ते में कई हैं भटकाते और लुभाते ,
पर तुम हो राही मजिल के और अंत तक है जाना !
मन के मेरे साथी पहले तोलता हूँ , फिर प्रिय बोलता हूँ ,
प्रयत्न मन से सब करलो अवश्य सिद्धियाँ मिलेंगी !!
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