Tuesday, 6 December 2011


  • सिन्दूरी  शाम  हुई  और  मन  मेरा  गाने  लगा  मद्धम  मद्धम  ,

  • चल  कहीं  दूर  चलें  , सपनो  के  रंग  लिए  ,

  • गगन  को  नहला  आयें  बासंती  रंगों  में  ,मद्धम  मद्धम  ,

  • धीरे  धीरे  से  चमन  में  चलते  हैं  , फूल  खिलाते  हैं  ,

  • खुशबू  के  संगम  से  ,मन  को  बहलाते  हैं  , मद्धम  मद्धम  !!


  • हरी  नर्म  दूब  सी  हथेलिओं  पर  मोहित  हो  ,

  • दिल  बल्लिओं  उछलता  है  ,

  • और  तुम  यकदम  उसे  छोड़  देती  हो  टूटने  के  लिए  !





  • मन  में  तुम  विराजे  हो  , कोई  विचार  भी  आये  क्यों  ? 

  • मैं  तो  बस  आँख  बंद  किये  , तेरे  दरस  का  मधवा  पिए  जाता हूँ  !



  • मैं  तेरे  सामने  भी  होता  हूँ  , तो  वहम  होता  है  , सपनों  में  हूँ  ! 
    और  सपनों  में  वहम  होता  नहीं  , असल  दिखते  हो  तुम  !!


  • घर  से  निकला  तो  , पहुंचा  वहीँ  ज़न्नत  के  करीब  !

  • पर  रकीब  था   रूठा  हुआ  , वापिस  घर  पहुंचा  आया  !!


  • मेरा  माही  मेरे  इंतज़ार  में  था  , घड़ी  पल  सब  जोड़े  उसने !

  • और  मैं  झल्ला  बना , बेहिसाब  उसका  मुंह   तकता  रहा !!






  • जितने  भी  ज़हर  हैं  सतरंगी  हैं  , फंसते  हैं  जो  भी  ?आकर्षण  में  !

  • आकर्षण  से  भोग  किया  , और  रोग  लगा  जीवन  को  !

  • अब  तो  सूरत  न  निकलने  की  है  , मद  से  जीवन  के  पिघलने  की  है  !

  • समस्या  है  विकराल  बहुत  , कुछ  करलो  समाधान  प्रभो  ,

  • क्यों  करते  हो  स्वयं  से  खिलवाड़  ,और  जीवन  को  नष्ट  अहो  ?


  • ज्योतिषी  ने  कहा  हम  दोनों  के  सारे  ग्रह  गोचर  मिलते  हैं  , शादी  करलो  ?

  • भविष्य  वाणी  , तथ्यों  पर  आधारित  थी  , पूर्णमेव सत्य  निकली  ?

  • वक्त दोनों  का  ख़राब  , उसका  मेरे  कारन  , मेरा  उसके  कारन , अब  रहता  है  ,

  • टीप  अच्छी मिली  थी  अनुभव  ये  कहता  है  !!


  • हाँ  मेरा  ही  जीवन  और  मेरी  ही  आस  निरास  ,

  • मेरा  ही  घर  आँगन  और  मेरा  ही  हास  सुहास  ,

  • पर  शामिल  इसमें  तुम  हो  जाओ  तो  अनंत  बढ़  जाए  विश्वास  !!

    संभल  भी  जाओ  के  शैतान  का  मन ,फिर जुगाड़  में है ,
    तेरी कलम  औ  जुबान  के  तरकश  के  तीर  पिघलने  वाले  हैं ,
    उसके  पास  है  क़ानून  का  हथियार ,  तुझे  गूँगा  करने को ,
    और अब  उसे  सिर्फ  अपनी  जिंदाबाद  के  नारे  सुनने  हैं  !!

    अक्सर  सोचते  हो  ,  यही  तो  है  तुम्हारा  कसूर ,
    बेवक़ूफ़  जितने  भी  है  ,  सब  मेरी  पसंद  के  हैं  लोग !!

    तुम्हारी  नौकरी  अब  पक्की  है  ,  अब  समझे  तुम क्या  ये  तरक्की  है ,
    ये  हुई  न  कुछ बात  ,  अब  मेरे  घर का लॉकर  तुम्हारे लिए  हमेशा खुला  है ,
    जब  जी  में  आये  ,  हिसाब  कर  जाया  करो  और  लॉकर  भर  जाया  करो !!








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