Thursday, 22 December 2011


  • जाने  क्या  होगा  पंछी  अकेले  ,

  • बंध  जा  कहीं  जोड़े  में  तू  भी  ,

  • यूँ  क्या  बतियायेगा  साँझ  सकारे  ,

  • गुम सुम  गुम  सुम  , गुम  सुम  गुम  सुम  !!


  • मंगल  चाहा  हुआ  अमंगल  , सुन्दर  दर्शा  अति  भयंकर  ,

  • पर  तू  क्या  समझे  विपरीत  को  क्या  है  , तेरा  तन  मन  पत्थर  सा  है !!


  • झूमे  चले  जाए  रे  मन  , रतियों  का  सन्देशा  आया  , सावन  में  अकेले  हैं  साजन  , चले  आओ  !

  • आये  बगिया  के  सब  फूल  याद  , खुशबु की  लपटों  ने  मन  रंध्र  खोले  ,चले  सजन  घर  आओ  !!


  • छुट्टी  के  दिन  ,सर्दियों  में  ,घेर  बादल  पवन  लाया , दुश्मन  मेरा  ,

  • रूठूँ  उस  से  कैसे  रूठूँ  , सांस  चलता  ना उस  बिन  ,इक  पल  मेरा  !!


  • जिन  आलों  में  दिए  जलते  थे  कभी  , अब  मकड़ी  के  जालों  से  भरे  रहते  हैं  !

  • और  जिन  दिलों  में  आग  हुआ  करती थी  कभी  , अब  अँधेरे  से  घिरे  रहते  हैं  !!


  • दिखते  नहीं  मेरे  दिल  के  छाले उनको  हैं  अभी  ,

  • अभी  तो  वो  अपने  चेहरे  की  रंगत  वापिस  लौटाने  में  लगे  हैं  !!


  • फुर्सत  के  दिन  भी  उनको  फुर्सत  है  कहाँ  ,

  • बालों  की  सफेदी  , चेहरे  की  झुर्रियां  ,

  • नाहक  परेशानी  का  सबब  , बन  आई  हैं  !!


  • आँख  उनकी  मेरी   आँख  से  भिड़ती  है  रोज़  ,

  • अब  उनकी  आँख  की  लाली  मेरी  आँख  में  रोग  बन  उतर  आई  है  !!


  • कभी  तो  रंगीनियाँ  मैं  घर  छोड़  आऊँ  ?

  • कभी  तो  किसी  अजनबी  का  दुःख  बंटाऊँ  ?

  • कभी  तो  मेरे  कारण  कोई  मुस्कुराये  ?

  • कभी  तो  किसी  बच्चे  का  साया  बनूँ  मैं ?

  • मेरी  भी  बुद्धि  तू  कुछ  इस  तरफ  फेर  दे  ,

  • तेरे  घर  भी  आ  जाऊँगा  शीश  लेकर  ,

  • मैं  आधा  नहीं  भेंट  पूरी  चढूँगा !!


  • मुझे  ज्ञान  दान  दे  मेरे  दरिद्र  मित्र  ,

  • तुझ  से  अधिक  जीवन  किस  ने  जिया  है ?

  • तू  पहुंचा  हुआ  है  फकीर  उसके  दर  का  ,

  • तुझे  उसने  ये  जीवन  अपर  मोक्ष  दिया  है  !!


  • जब  मैं  बनूँ  खेतल  सारा  ,

  • और  इसमें  समाये  सृष्टि  अपारा  ,

  • और  पूरा  हो  गुण  निर्गुण  आधान  ,

  • तब  मैं  पूरण   होता  हूँ  !!

  • यूँ  कहने  को तो  तू  भी  मैं  बन जा ,

  • मैं  तो  फिर  , स्वयं  को  मैं  ही  कहता  हूँ  !!











  • No comments:

    Post a Comment