Friday, 23 December 2011


  • तुम  जानते  हो  मेरी  सब  कमजोरियां  ,

  • पर  बताते  मुझे मेरी  शक्तियां  केवल !

  • तुम  समझते  हो  सब  मेरे  डर ,

  • पर  मेरा  विश्वास  बढ़ाते हो  !

  • तुम  परिचित  हो  मेरी  शंकाओं  से  ,

  • पर  तुम  मेरे  आत्मबल  को  जगाते  हो  !

  • तुम  पहचानते  हो  मैं  अपाहिज  हूँ कितना  और  कहाँ  ?

  • पर  तुम  समझाते  हो  संभावनाएं  क्या  हैं  !


  • मन  मयूरा  नाचे  भी  और  रोये  भी  , सजन  घर  जाने  की  बेला  आई  है  !

  • मन  नाचे  संग  साजन  का  पाने  को  , और  रोये  घिर शंकाओं  से  जीवन  की  !

  • मन  मेरा  नाचे , अपना  घर  मिलेगा  मुझे  ,और  रोये  के  सब  पराया  ही  समझते  क्यों  हैं  ?

  • मन  मेरा  नाचे  मुझे  गर्व  है  अपने  पर  , और  रोये  ,मुझे  ज्ञान  है  कमियों  का  अपनी !!

  • पर  अब  शांत  हूँ  और  शांत  है मन ,सब  चलता  है  यहाँ  ,सब  जानते  हैं  कोई  पूर्ण  नहीं  !!


  • एक  आराम  का  उसांस  और  अंगडाई  का  दौर  ,

  • बहुत  आराम  मिला अधिकारिक  निरीक्षण के  बाद  !

  • ये  तनाव  सा  जीवन  में  आता  जो , कुछ पल  के  लिए ,

  • इक  अलग  सा  मज़ा  देता  है  , कुछ  देर  में  हटने  के  बाद  !!


  • वो  आते  जीवन  में  , कुछ  पल  दे  जाते  हैं  ,

  • कुछ  ले  जाते  हैं  , और  खामोश  से  हो  जाते  हैं  !

  • पता  चलता  नहीं  , रहस्य  बना  रहता  है  ,

  • और  उम्र  भर  सोचता  रहता  हूँ  , क्या  कुछ  मैंने  किया  तो  नहीं  !!




  • ये  सब  इसलिए  की  तुम  मेरे  सच्चे  मित्र   हो  ,

  • और  मैं  भी  पहचानता  हूँ  तुम्हें  उतना  ही  !!

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