उम्र मिली बरसों में और बरस भी थोड़े से , जबकि काम युगों का है !
युगों का काम बरस में कर गए , वो भी थोड़े से , वो भी हम सब के जैसे थे !!
मुझे थोड़ा शान्ति से मरने दो ! मत दिलाओ याद मैंने ,किसके लिए क्या किया , या फिर किसके लिए क्या छोड़ा ! ये सब तो यूं भी छूटना ही है ! सिरहाने से थोड़ा हट जाओ , थोड़ी हवा आने दो ! मुझे झूठी तसल्ली मत दो , अब मैं इन सब से परे हूँ ! तुमने जो किया अपने लिए , जो कर रहे हो अपने लिए ! ये कौन मुझे हॉस्पिटल ले जाने की बात कर रहा है ? जब ले जाना चाहिए था तब किसी के पास समय नहीं था ,अब लोक लाज का दर है ! तुम्हारी इच्छापूर्ति के लिए नहीं बिंधना मुझे ! चलो अकेला छोड़ दो मुझे , मुझे मरने दो , शान्ति से मरने दो !!
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