अजब सी फुर्सत है आजकल , चाहते हुए भी कहीं , आना जाना नहीं होता ,
न किसी का आना होता है , न किसी का जाना होता है ,
गलती से कहीं पहुंचें , किसी की मिजाज़ पुरसी में , तो होता है ये हाल ,
क्यों डाला खलल इसनें ? इस सोच में , हैरत से , उनका मुंह खुला होता है !!
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