Monday, 11 March 2013

हर  ईंट  से पूछा  बुनियादी  सवाल , इमारत बनने में  किसका  कमाल ?
पैसा मालिक का  या  इमारती सामान ? या  इंसानी  हाथों का है ये  जमाल ?
या  सोच है  आर्किटेक्ट की , या इंजीनियरिंग का करिश्मा है , बेमिसाल ?
ईंट  ये  बोली ,  हासिल  सब   कुदरत से , और  कुदरत भी  मालिक  की ,
जरूरत न  होती , कुछ महसूस न  होता , धन  तेरा मालिक ,  कमी रक्खी फिलहाल !!

No comments:

Post a Comment