Thursday, 7 March 2013

महके  हुए से  अंदाज़  हैं  बहार के  ,  खिजाँ  विदा  हो  गयी अब पार साल  को ,
मुट्ठियों में भर  लिए  हैं रंग  सब नये ,  भिगो  देंगे तुमको यार पूरे  साल को !!

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