Monday, 18 March 2013

धुंध  से निकल  आगे  ,  निकल  जाओगे  तुम ,
बस  कुछ  कदम  और ,  चलो  सूरज  की  ओर ,
है  हर  कदम  पीड़ा ,  कुछ डगर  नहीं  आसान ,
पर  धरो  कुछ  धीर ,  बढ़ो  सूरज  की  ओर ,
हवा  बहुत  बार  बदले ,  कभी  दे  साथ , रस्ता कभी  रोके ,
तुम  खोलो  पाल , बनों  खुद  की  ढाल , देखो  सूरज की  ओर ,
असफलता  डसेगी ,  दुनियां  फब्ती कसेगी ,
कसम तुमको  मेरी , न रुकना जरा भी , जाना सूरज की ओर !!

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