युद्ध से भागते हो क्यों?
प्रश्न ये पूछता है ,
असमर्थ अपने आप से , बार बार ,
बन अर्जुन गिड़गिड़ाता है ,
भाग जाना चाहता है ,
नए नए बहाने गढ़ता है , पलायन के ,
और हर बार आत्म कृष्ण बन ,
उसे धरती से उठाता है ,
स्थिति से उबरने के लिए ,
उसे समस्त शक्ति बटोरने के लिए ,
समझाता है , गीता रचता है ,
युद्ध को प्रेरित करता है ,
महाभारत करवाता है ,
उस कमजोर क्षण के निकलते ही ,
हम फिर गीतोपदेश भूल जाते है ,
स्वयं को विजेता महसूस करते हैं ,
फिर एक बार कमजोर महसूस करने के लिए ,
बार बार महाभारत में उतरने के लिए ,
सृष्टि के अंत तक !!
प्रश्न ये पूछता है ,
असमर्थ अपने आप से , बार बार ,
बन अर्जुन गिड़गिड़ाता है ,
भाग जाना चाहता है ,
नए नए बहाने गढ़ता है , पलायन के ,
और हर बार आत्म कृष्ण बन ,
उसे धरती से उठाता है ,
स्थिति से उबरने के लिए ,
उसे समस्त शक्ति बटोरने के लिए ,
समझाता है , गीता रचता है ,
युद्ध को प्रेरित करता है ,
महाभारत करवाता है ,
उस कमजोर क्षण के निकलते ही ,
हम फिर गीतोपदेश भूल जाते है ,
स्वयं को विजेता महसूस करते हैं ,
फिर एक बार कमजोर महसूस करने के लिए ,
बार बार महाभारत में उतरने के लिए ,
सृष्टि के अंत तक !!
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