"रंज को ताबीर निगाहों में न कर ,
इसे रूह का पर्दा कर ,
और जिस्म में जल जाने दे !!"
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"मेरी आँखें तरसती भी हैं , बरसती भी ,
पर उफ़ , तू संगदिल , पिघलता ही नहीं !!"
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ख़ुदा क्या ? और मैं क्या ? परेशां इसमें हूँ !
बाक़ी सब टूटे खिलौने , ज़मीं पे बिखरे बिखरे अब !!"
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"मुझे सुनता है कोई ? क्या मालूम !!
गाते परिंदे क्या वाह वाही के लिए ?"
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"तेरी निग़ाह परेशानी में मेरी तरफ फिरती है ,
और मुझे लगता है , खुदा हो गया आज !!"
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"वो दाद भी चाहते हैं , मुबारकबाद भी ,
इस फ़ानी दुनिया में , इक झूठ और सही !!"
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"सात समंदर पार घर है तेरा ,
पर मस्त निगाही का नूर ,
मेरे क़रीब पहुंचा तो है !!"
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"वो उम्दा फ़कीर और मैं वो भी ना ,
फिर जाने क्यों , मस्त निगाहें हैं मेरी !!"
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"वो नेक निगाह और एक निगाह ,
मेरी झोली जितनी नूर उतना मिला !!"
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"खूबसूरत है ज़मीं मेरी , पर इक ज़मीं और की चाह ,
और मेरा पागल होना , वाह !!"
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"हूँ हैरान , हवाएं क्यों पागल आज ,
क्या मालूम , मंज़ूर ना हो तेरा पर्दा उनको !!"
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"तंगहाली में वो भी हैं , हासिल है जिनको सब ,
और मैं फटेहाल भी , ज़मानें में हूँ बादशाह हुज़ूर !!"
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"तूने तारे ना छुए तो क्या ,
ज़मीं पे रह के भी ,
आसमान की हवाएं पीता है तू !!"
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"इक चोटी पर्वत की , इक समंदर का तल ,
इक ऊंचा बहुत , इक गहरा बहुत ,
फख्र दोनों को अपनी नुमाई का ,
पर गिला फिर भी है ,
इक ऊंचा ना हुआ , इक गहरा ना हुआ !!"
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"इक समंदर है , इक बादल , इक ठहरा हुआ , इक ठहरे ही नहीं ,
पर तेरी निग़ाह में दोनों हैं , और दोनों को हासिल है जहां !!"
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"तूने सारी कायनात दिखा तो दी , मैं ना समझूं तो किसका कुसूर ?
तू परदे में हो के भी बेपर्दा है , मैं खोलूँ ना आँखें तो किसका कुसूर ?"
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"तू एक , तेरी निग़ाह एक ,
फिर क्यों बदस्तूर जारी है ये बेदर्द हवाएं ,
क्यों खामोश हैं तेरी निगाहें ,
तड़प क्यों है ज़मानें में हद से ज्यादा ,
ए मेरे मालिक ,इस दोज़ख को समेट ,
हासिल है तुझे ख़ुदाई तो ख़ुदा की तरह देख !!"
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"सिर्फ तेरा ? किसने कहा ,
ख़ुदा भी है दिल में , मोहब्बत नाम से !!"
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"ख़ुदा खामोश है पर सरफिरा नहीं ,
वो तेरी बद्तमीज़िओं का जवाब देगा ,
पर तुझे महसूस होने के बाद !!"
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"दिल के आगे क्या करूँ ,
मानूं तब मरा , ना मानूं तब मरा !!"
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"मैं हार आया दोनों जहां ,
यार मिल गया अपना मुझे !!"
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"आती है तेरी सिर्फ इक अदा पसंद ,
मैं चाहूँ हाँ और तू इनकार में हिला दे सर अपना !!"
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"गिरा बिजलियाँ , किसने कहा , यहाँ आंधियां हैं किये परेशान मुझे ,
उठा पर्दा किसने कहा , यहाँ बरबादियाँ आती हैं मुआफ़िक मुझे !!"
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"दिन फिरे तेरे भी मेरे भी ,
ज़माना अब हमें झांकता नहीं !!"
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"मुझे छुपा ले साए में तेरे ,
बहाने से रौशनी में भी रहूँगा साथ !!"
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"ख़ुदा चाहे या ना चाहे ख़ुदा को अपना कह दूंगा ,
ख़ुदा ख़ुदा है बख्शेगा नादानियां मेरी !!"
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"साथी समंदर सा कहाँ मिले नदिया को ,
मैली कुचैली को भी भर बाहों में लेता है !!"
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"हज़ार बार मैंने कहा , हज़ार बार उसने सुना ,
कह क्या दिया बहारों ने , सुन सके दोनों ना हम !!"
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"वो ख्याल अपना करें , हम अपना , तो रस्ते में हम मिले ही क्यों ?
क्यों मुस्कुरा वो भी दिए , क्यों सर झुका मैंने दिया ?"
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"इक जुबां ऐसी भी बोल ,
दिल भी सुने , जुबां भी सुने !!"
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"मुझे है मालूम अकेला हूँ मैं ,
फिर गुज़र तन्हा , क्यों होता नहीं ?"
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"वो छुप गये बादलों में बिजलियों की तरह ,
चमकते हैं कभी ,भटके हुओंको , रास्ता दिखाने के लिए !!"
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"मैं भी हैराँ हूँ , मैं उस जग का हिस्सा हूँ ,
जिसे कारी किया और ग़ुम हो गया फ़नकार , फनकारी के साथ !!"
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"तेरा ही है ये जहां , कब कहा मैंने ,
मेरा भी तो , जीवन भर का हिस्सा रहा जग में !!"
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"मैं अलग करता रहा , ज़मीं को आसमान से ,
जितना चला , नए क्षितिज खुलते रहे , अनंत अनंत !!"
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"खूबसूरत है तेरा अंदाज़ , ए मालिक मेरे ,
ढूँढता है अब तक सिले , तेरा जहां !!"
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"कौन जाने मेरे दिल की बात ? कौन है मेरी साँसों के क़रीब ?
न हो तुम , तो है ये कौन ? परिचय दो अजनबी , मेरे भेदी , परिचय दो !!
कहीं पैदा तो नहीं किये मैंने भ्रम , स्वयं की तुष्टि संतुष्टि के लिए ?
कहीं हूँ तो नहीं मैं अभी तन्द्रा में ? जो तुम कोई नहीं , तो चिकोटी भी काटेगा कौन ?
जांचेगा कौन , कौन अवस्था मेरी ? अगर तुम सच में हो कोई ,
तो क़रीब आओ मेरे परिचय दो ,मेरे अजनबी !!"
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"मेरा मेला चल निकला ,
तेरी बाहों के झूले में हूँ कैद !!"
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"पीता तो हूँ मरने के लिए , पर जी जाता हूँ ,
शायद दुआ करता है कोई , मेरे पीने पिलाने के लिए !!"
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"मेरे भाग्य के तारे तू टूट ज़रा ,
उनको मेरे मरने की दुआ मांगनी है आज !!"
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"तू बता अंधों को अँधा ना कहूं , तो क्या दिख जाएगा उसे ,
अपनी कमजोरी को गाली ना समझ ,
आलोचक तो महज चेताता तुझे , ताकि तू गड्ढे में ना गिरे !!"
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"निरख परख अली कलियाँ खोले , मिल जांयें हरी मनवा बोले ,
हरी थमाएं पराग , स्वयं पल में जाएँ भाग ,
हरी हरी बोल , अली हरी हरी बोल !!"
.....................
"मेरे कदम बढ़ने लगे हैं तेरी और , हरी , बाहें खोले रखना !!"
superb....
ReplyDeleteShandar jai.
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